ABC NEWS: आज 30 जुलाई रविवार से नया सप्ताह प्रारंभ हुआ है. इस सप्ताह में जुलाई का समापन और अगस्त का शुभारंभ होगा. यह सप्ताह 30 जुलाई से 5 अगस्त तक है. सप्ताह के पहले ही दिन रवि प्रदोष व्रत है. यह सावन का दूसरा प्रदोष है. यह व्रत अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जा रहा है. इस दिन शिव पूजा विशेष महत्व है. सप्ताह की शुरूआत शिव पूजा से हो रही है. इस सप्ताह में प्रदोष व्रत के अलावा मलमास पूर्णिमा और विभुवन संकष्टी चतुर्थी यानि मलमास संकष्टी चतुर्थी व्रत भी है. इस सप्ताह में सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष का प्रारंभ भी हो रहा है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि ये सभी व्रत कब और किस दिन हैं? इनका महत्व क्या है?
30 जुलाई से 5 अगस्त तक के व्रत-त्योहार
30 जुलाई, रविवार: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत या रवि प्रदोष व्रत
रवि प्रदोष व्रत 2023: सावन का दूसरा प्रदोष व्रत या रवि प्रदोष व्रत आज है. आज प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:14 बजे से लेकर रात 09:19 बजे तक है. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बना है. शिव पूजा के समय सर्वार्थ सिद्धि योग होगा. रवि प्रदोष के दिन शिव पूजा करने से उत्तम सेहत की प्राप्ति होती है. आज पूरे दिन शिववास है. ऐसे में आप रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं तो यह एक अच्छा दिन है.
1 अगस्त, मंगलवार: मलमास पूर्णिमा या सावन अधिक मास पूर्णिमा
अधिक मास पूर्णिमा 2023: इस समय मलमास का शुक्ल पक्ष चल रहा है. मलमास पूर्णिमा 1 अगस्त दिन मंगलवार को है. इस दिन व्रत रखते हैं और सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं. ऐसा करने से परिवार में सुख और समृद्धि आती है. मलमास पूर्णिमा तिथि 1 अगस्त सुबह 03 बजकर 51 मिनट से देर रात 12 बजकर 01 मिनट तक है. पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है. मलमास पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 07 बजकर 16 मिनट पर होगा. मलमास पूर्णिमा को अधिक मास पूर्णिमा भी कहते हैं. यह सावन का अधिक मास है, इसलिए यह सावन अधिक मास पूर्णिमा होगी.
2 अगस्त, बुधवार: सावन अधिक मास का कृष्ण पक्ष प्रांरभ
सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष का प्रारंभ 2 अगस्त से होने वाला है. इस दिन प्रतिपदा तिथि सुबह से लेकर रात 08 बजकर 05 मिनट तक है. इस दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग बन रहे हैं. आयुष्मान योग सुबह से दोपहर 02 बजकर 34 मिनट तक है, उसके बाद से सौभाग्य योग प्रारंभ हो जाएगा. इस दिन श्रवण नक्षत्र दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक है, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र होगा.
पंचक 2023: 2 अगस्त से पंचक का प्रारंभ हो रहा है, जो पांच दिन तक रहेगा. 2 अगस्त को रात 11 बजकर 26 मिनट से पंचक लग रहा है. पंचक में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है.
4 अगस्त, शुक्रवार: विभुवन संकष्टी चतुर्थी या मलमास संकष्टी चतुर्थी
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023: इस साल विभुवन संकष्टी चतुर्थी 4 अगस्त को है. यह 3 साल में एक बार आती है. अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत होता है. विभुवन संकष्टी चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 से लेकर सुबह 07 बजकर 21 मिनट तक है. उस दिन चंद्रोदय रात 09:20 पी एम पर होगा. उस समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी