ABC NEWS: आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कई बार वारंट जारी होने के बाद भी पूर्व सांसद जया प्रदा कोर्ट में हाजिर नहीं हुईं तो कोर्ट ने एसपी को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया. इस आदेश के बाद यूपी पुलिस की एक टीम दिल्ली गई थी. पुलिस जया प्रदा के दिल्ली आवास के पते पर पहुंची तो वहां ऑफिस चलता मिला. इस पर टीम ने ऑफिस के गेट पर ही हाजिर होने का नोटिस चस्पा कर दिया और लौट आई. उधर, जयाप्रदा के वकील ने एक बार फिर रिकॉल एप्लीकेशन दाखिल की जिस पर अभियोजन की ओर से आपत्ति जताई गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के हैं. जयाप्रदा रामपुर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं. उनके खिलाफ स्वार और केमरी थाने में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
इनमें स्वार में दर्ज प्राथमिकी में उन पर आचार संहिता लागू होने के बावजूद 19 अप्रैल को नूरपुर गांव में सड़क का उद्घाटन करने का आरोप है. दूसरा मामला केमरी थाने का है. इसमें उन पर पिपलिया मिश्र गांव में आयोजित जनसभा में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. दोनों मामलों में पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिए थे. मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है. इन मामलों में पिछली कई तारीखों से जयाप्रदा कोर्ट में पेश नहीं हो रही थीं. इस पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे. इस पर 11 दिसंबर को जयाप्रदा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता असगर अली वारंट निरस्त कराने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया था. वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी की ओर से प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल की गई थी. लोअर कोर्ट ने रीकॉल प्रार्थना पत्र खारिज कर जयाप्रदा के फिर से गैर जमानती वारंट जारी किए थे. एडीजीसी संदीप ने बताया मंगलवार को जयाप्रदा के अधिवक्ता ने फिर री-काल एप्लीकेशन कोर्ट में दाखिल की, जिस पर अभियोजन की ओर से आपत्ति लगाई गई है, कोर्ट में अब इस पर बहस होगी.
बता दें कि जयाप्रदा को सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश न होने पर जारी गैर जमानती वारंट के मामले में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. लोअर कोर्ट से गैर जमानती वारंट पर रिकॉल एप्लीकेशन खारिज होने पर सोमवार को जयाप्रदा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता असगर अली एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में उपस्थित हुए थे. उन्होंने यहां रिवीजन दाखिल किया था. इस पर अभियोजन ने आपत्ति लगाई. विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट डॉक्टर विजय कुमार ने जयाप्रदा का रिवीजन खारिज कर दिया था.