ABC NEWS: यूपी के लखीमपुर खीरी का गोला और मैलानी रेलवे स्टेशन पर अचानक पुलिस फोर्स पहुंच गई. स्टेशन पर बड़ी तादाद में पुलिस कर्मियों को देखकर यात्रियों में हड़कंप मच गया. इसी बीच ट्रेन आई फिर ये पुलिस कर्मी एकाएक उसमें चढ़ गए। किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है. पुलिस ने एक के बाद एक ग्रामीणों को ट्रेन से नीचे उतारना शुरू कर दिया. पुलिस ने करीब 39 लोगों को ट्रेन से उतार लिया. इसके बाद ट्रेन रवाना हो गई.
दरअसल पुलिस ने जिन लोगों को ट्रेन से उतारा है वह सभी ग्रामीण सीएम योगी से पुलिस की शिकायत करने के लिए लखनऊ जा रहे थे. सभी 39 ग्रामीण मैलानी से ट्रेन पर बैठकर निकले थे. ट्रेन स्टेशन पर गोला और मैलानी पहुंचती इससे पहले पुलिस फोर्स पहुंच गई और ट्रेन को घेर लिया. पुलिस ने उनको बलपूर्वक ट्रेन के अंदर से खींचकर उतार लिया. इसके बाद वापस मैलानी के लिए भेज दिए गए. सीओ का कहना है कि ग्रामीणों की मांग पूरी हो गई थी. उनको समझाने के लिए रोक लिया गया था। मैलानी थाना क्षेत्र के ग्राम कंधईपुर में बीती 12 जून को ग्रामीणों एवं पुलिस के बीच में हुई झड़प के बाद तनाव का माहौल बन गया था. यहां एक पक्ष को गांव में वापस रुकवाने के लिए गई पुलिस टीम पर गांव के एक पक्ष ने हमला कर दिया था.
पुलिस कर्मियों को झड़प में चोटें आई थीं. उधर गांव के एक पक्ष का कहना था कि पुलिस ने दौड़ाकर पूरे गांव को पीटा. डर के मारे उनको भागना पड़ा था. बाद में विधायक रोमी साहनी और एसपी गणेश प्रसाद साहा के दखल के बाद गांव में जनजीवन बहाल हो गया था. इस बीच रविवार शाम को गांव में फिर हंगामा होने लगा. मैलानी जंक्शन से रेलवे स्टेशन पहुंचे कंधईपुर के ग्रामीणों ने बताया कि उनको अभी तक न्याय नहीं मिला है जिसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ जाना पड़ रहा है.
विधायक ने जेल गए 16 लोगों की जमानत शनिवार को कराई थी। पर पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. गांव के 39 लोग रविवार शाम को ट्रेन पर बैठकर मैलानी से लखनऊ जा रहे थे. इस बात की भनक पुलिस को लग गई. पुलिस ने गोला पुलिस को अलर्ट कर दिया। शाम को जैसे ही ट्रेन गोला पहुंची, पुलिस की टीमों ने उनको घेर लिया और ट्रेन से खींचकर उतार लिया. महिला पुलिस बल भी लगाया गया था. 30 महिलाओं को जीआरपी चौकी के पास बिठा लिया गया. बाद में उनको मैजिक से मैलानी वापस भेज दिया गया. सीओ राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि कोई बल प्रयोग नहीं किया गया। ग्रामीणों को वार्ता के लिए रोका गया था.