पीएम मोदी का विपक्ष पर तंज- पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल है फिर भी तुम्हें यकीन नहीं?

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ABC News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया. अपने 85 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा- बहुत सारे विपक्षी मिले-सुर मेरा-तुम्हारा कर रहे थे. मुझे लगता था कि देश की जनता, देश के चुनाव के नतीजे ऐसे लोगों को जरूर एक मंच पर लाएंगे, वो तो हुआ नहीं. लेकिन इन लोगों को ED का धन्यवाद करना चाहिए उसके कारण ये एक मंच पर आ गए.

मोदी ने कहा- UPA के 10 साल में सबसे ज्यादा घोटाले हुए. इनकी निराशा का कारण यही है कि देश का सामर्थ्य खुलकर सामने आ रहा है. 2004 से 2014 तक UPA ने हर मौके को मुसीबत में बदल दिया. जब टेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन का युग बढ़ रहा था, उसी समय ये 2G में फंसे रहे. सिविल न्यूक्लियर डील की चर्चा के दौरान ये कैश फॉर वोट में फंसे रहे.

राहुल गांधी पर कटाक्ष
1. कल कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा इको सिस्टम उछल रहा था. समर्थक खुश होकर कह रहे थे कि ये हुई ना बात. नींद भी अच्छी आई होगी, उठ भी नहीं पाए होंगे. ऐसे लोगों के लिए कहा गया है- ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं.
2. राष्ट्रपति के भाषण से कुछ सदस्य कन्नी काट गए. एक बड़े नेता राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखाई दी है. टीवी पर उनके बयानों से भीतर पड़ा हुआ नफरत का भाव बाहर आ गया. बाद में चिट्ठी लिखकर बचने की कोशिश की गई.
3. कई सदस्यों ने सदन में तर्क और आंकड़े दिए. अपनी रुचि, प्रवृत्ति और प्रकृति के अनुसार बातें रखीं. इससे उनकी क्षमता, योग्यता और समझ का पता लगता है. इससे पता चलता है कि किसका क्या इरादा है, देश भी इसका मूल्यांकन करता है.

भाषण में काका हाथरसी और दुष्यंत के शेर
1. देश में हर स्तर पर, हर क्षेत्र में, हर सोच में आशा ही आशा नजर आ रही है. एक विश्वास से भरा हुआ देश है. सपने और संकल्प वाला देश है, लेकिन यहां कुछ लोग ऐसी निराशा में डूबे हैं. काका हाथरसी ने कहा था- आगा पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन.
2. बीते वर्षों में हार्वर्ड में स्टडी हुई है. उसका टॉपिक था- द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी. मुझे भरोसा है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर हार्वर्ड ही नहीं, बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटी में अध्ययन होना ही है. इस प्रकार के लोगों के लिए दुष्यंत कुमार ने बढ़िया बात कही है- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं.

राहुल की भारत जोड़ो यात्रा पर बयान
1. जो अभी-अभी जम्मू-कश्मीर से घूमकर आए हैं, उन्होंने देखा होगा कि कितने आन-बान-शान के साथ वहां जा सकते हैं. पिछली शताब्दी में मैं भी जम्मू-कश्मीर में यात्रा लेकर गया था और लाल चौक में तिरंगा फहराने का संकल्प लेकर गया था. लाल चौक में तिरंगा फहराकर मैंने कहा था- आमतौर पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा लहराता है तो भारत का आयुध और बारूद सलामी देता है. आज जब लाल चौक पर तिरंगा फहराया है, तो दुश्मन देश का बारूद सलामी दे रहा है.
2. समय सिद्ध कर रहा है कि जो यहां (सत्ता में) बैठते थे, वो वहां (विपक्ष में) जाने के बाद भी फेल हो गए. देश पास होता जा रहा है डिस्टिंक्शन पर. समय की मांग है कि आज निराशा में डूबे लोग स्वस्थ मन रखकर आत्म चिंतन करें.
3. तिरंगे से कुछ लोगों को शांति बिगड़ने का खतरा लगता था. वक्त देखिए और वक्त का मजा देखिए, अब वो भी तिरंगा यात्रा में शरीक हो गए. कुछ लोग टीवी में चमकने की कोशिश में लगे थे, उसी समय श्रीनगर में दशकों बाद थिएटर हाउसफुल चल रहे थे. आज हम सैकड़ों की तादाद में जम्मू-कश्मीर जा सकते हैं. कई दशकों के बाद पर्यटन के कई रिकॉर्ड तोड़े हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा- हमने देश के लोगों के लिए, देश के भविष्य के लिए जीवन खपा दिया है. देशवासियों का मोदी पर भरोसा विपक्ष की समझ के दायरे से बाहर है.
मोदी बोले- देश के लिए जीवन खपाया
विपक्ष के हमलों पर मोदी ने कहा- जो अहंकार में डूबे हैं, ऐसी सोच में जीने वालों को लगता है कि मोदी को गाली देकर ही हमारा रास्ता निकलेगा, कीचड़ उछालकर रास्ता निकलेगा. 22 साल बीत गए और वे गलतफहमी ही पालकर बैठे हैं. मोदी पर भरोसा अखबार की सुर्खियों से नहीं पैदा हुआ है, टीवी पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है. हमने देश के लोगों के लिए, देश के भविष्य के लिए जीवन खपा दिया है. देशवासियों का मोदी पर भरोसा इनकी समझ के दायरे से बाहर है, इनकी समझ के दायरे से भी काफी ऊपर है.
क्या ये झूठे आरोप लगाने वालों पर, मुफ्त राशन प्राप्त करने वाले देश के 80 करोड़ भारतवासी कभी भरोसा करेंगे क्या. वन नेशन-वन राशन कार्ड देशभर में कहीं पर भी गरीब से गरीब को भी राशन मिल जाता है. वो आपके गलत-गलीज आरोपों पर भरोसा नहीं करेगा. जिन 11 करोड़ किसानों के खाते में साल में 3 बार पैसे जमा होते हैं, वो आप पर भरोसा नहीं करेगा. जो झुग्गी-झोपड़ी में रहता था, उन्हें घर मिले हैं, उनको तुम्हारी गालियों, झूठी बातों का भरोसा क्यों करेगा. 9 करोड़ लोगों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला, वो इनका झूठ कैसे स्वीकार करेगा.
देश के 140 करोड़ लोग मेरा सुरक्षा कवच
मोदी ने कहा- आपकी गालियों-आरोपों को कोटि-कोटि भारतीयों से होकर गुजरना पड़ेगा. जिनको दशकों तक मुसीबतों के बीच जिंदगी जीने के लिए तुमने मजबूर किया था. कुछ लोग अपने लिए, अपने परिवार के लिए बहुत कुछ तबाह करने पर लगे हुए हैं. अपने, अपने परिवार के लिए जी रहे हैं. 140 करोड़ लोग मेरा सुरक्षा कवच हैं. झूठ के हथियार से आप इस सुरक्षा कवच को आप नहीं भेद सकते. ये विश्वास का सुरक्षा कवच है. समाज के वंचितों को वरीयता के संकल्प को लेकर हम जी रहे हैं,चल रहे हैं. दशकों तक दलित-पिछड़े-आदिवासी को छोड़ दिया गया था. वो सुधार नहीं आया,जो संविधान निर्माताओं ने सोचा था. 2014 के बाद सर्वाधिक लाभ इन्हीं परिवारों को मिला है.

प्रधानमंत्री के भाषण के अन्य प्रमुख बिंदु
– राष्ट्रपति जी ने अपने विजनरी भाषण में राष्ट्रपति ने हम सबको और देशवासियों का मार्गदर्शन किया है. देश की कोटि-कोटि जनता के लिए गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनकी मौजूदगी प्रेरणा है.
– भारत में दो-तीन दशक अस्थिरता के रहे. आज स्थायी और फैसले लेने वाली सरकार है. एक निर्णायक और पूर्ण बहुमत से चलने वाली सरकार है. ये वो सरकार है, जो रिफॉर्म कर रही है. हम इससे पीछे हटने वाले नहीं है, चलते रहेंगे. देश को जो चाहिए वो देते रहेंगे.
– मोदी ने कहा- 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए. यह युवा ताकत को पेश करने का मौका था, लेकिन CWG घोटाले में पूरा देश दुनिया में बदनाम हो गया. सदी के दूसरे दशक में भारत की चर्चा ब्लैकआउट के लिए हुई, तब कोयला घोटाला चर्चा में आ गया. 2008 के आतंकी हमले को कोई भूल नहीं सकता है. 10 साल तक देश आतंकवाद से जूझता रहा. जब HAL सामर्थ्य का अवसर थी, तब सत्ता चलाने वाले लोगों के नाम हेलिकॉप्टर घोटाले में आ गए. हिंदुस्तान याद रखेगा कि 2014 के पहले का दशक लॉस्ट डेकेड के नाम से जाना जाएगा.
– लोकतंत्र में आलोचना का बहुत महत्व है. भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है. आलोचना लोकतंत्र की मजबूती के लिए है. दुर्भाग्य से बहुत दिनों से इंतजार कर रहा हूं कि कोई मेहनत-एनालिसिस करेगा. लेकिन लोगों ने आलोचना का मौका आरोपों से गंवा दिए. हर जगह आरोप, गालीगलौज. चुनाव हार जाओ- ईवीएम खराब, चुनाव आयोग को गाली, कोर्ट में फैसला नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट को गाली दे दो.
– अगर भ्रष्टाचार की जांच हो रही है तो जांच एजेंसियों को गाली दो. अगर सेना पराक्रम करे, शौर्य दिखाए और देश का जन-जन भरोसा करे तो सेना को गाली दो, उस पर आरोप लगाओ. कभी आर्थिक प्रगति की खबरें आएं, चर्चा हो, तो RBI को गाली दो.

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