ABC NEWS: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में एक ऑनलाइन बैठक बुलाई है. यह बैठक समान नागरिक संहिता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद बुलाई गई है. फिलहाल यह बैठक जारी है. इसके जरिए रणनीति बनाई जा रही है कि विधि आयोग के सामने मुस्लिमों के विचारों को मजबूती के साथ रखा जाए. इस ऑनलाइन बैठक में देशभर के सभी मुसलमान नेता हिस्सा ले रहे हैं.
पीएम मोदी ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भोपाल में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की पुरजोर वकालत की. साथ ही सवाल किया कि दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? पीएम मोदी ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को उकसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा. फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? हमें याद रखना है कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है.
आलोचना में जुटा है विपक्ष
उधर नागरिक संहिता (यूसीसी) पर प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के रुख की कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आलोचना की। कांग्रेस ने मंगलवार को यूसीसी की जोरदार वकालत करने के लिए मोदी पर हमला बोला और कहा कि उन्हें पहले देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी के बारे में बात करनी चाहिए. कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री कुछ भी कह सकते हैं लेकिन उन्हें बेरोजगारी, महंगाई और मणिपुर जैसे देश के असली सवालों का जवाब देना होगा. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसे मुद्दों को राजनीति का औजार नहीं बनाना चाहिए.
ओवैसी ने भी जताई थी नाराजगी
इससे पूर्व एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की वकालत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि वह मुस्लिमों को निशाना बनाने के साथ ही हिन्दू नागरिक संहिता लाना चाहते हैं. ओवैसी ने तीन तलाक और पसमांदा मुसलमानों पर टिप्पणी को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की. ओवैसी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री अब समान नागरिक संहिता की चर्चा कर रहे हैं. क्या आप समान नागरिक संहिता के नाम पर बहुलवाद, विविधता को छीन लेंगे.