ABC NEWS: भाजपा के संसदीय दल की मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी मे मंगलवार को विपक्ष पर तीखी टिप्पणी की. सदन में पिछले 4 दिनों से लगातार जारी हंगामे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा दिशाहीन विपक्ष मैंने आज तक नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि ये लोग भ्रमित हैं और तय ही नहीं कर पाते कि क्या करना है. यही नहीं उन्होंने कहा कि इनके बर्ताव से ऐसा लगता है कि ये लोग कई दशक तक सत्ता में नहीं आना चाहते. प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष बिखरा हुआ और हताश है. उन्होंने इस दौरान विपक्षी महागठबंधन के INDIA के तौर पर नए नामकरण पर भी निशाना साधा.
INDIA की अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी, PM बोले-दिशाहीन विपक्ष नहीं देखा
पीएम मोदी ने कहा कि नाम में इंडिया या इंडियन लगा लेने से कोई भारतीय नहीं होता. उन्होंने इस दौरान आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन और ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम में भी इंडिया था. प्रधानमंत्री के रुख से साफ है कि वह मणिपुर पर संसद में बयान देने की विपक्ष की मांग के आगे झुकने वाले नहीं है. वहीं कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हमारी मांग में क्या गलत है. पीएम मोदी ने इतनी बड़ी घटना के बाद भी मणिपुर पर सिर्फ 36 सेकेंड बोला और मीडिया ने चला दिया कि प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ दी.
पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया का भी PM मोदी ने लिया नाम
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया का भी नाम लिया. उन्होंने कहा कि इस संगठन के नाम में भी तो इंडिया है। इस बीच INDIA में शामिल विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है. टीएमसी के एक सांसद ने इसका दावा किया है. अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में ही लाया जाता है और ऐसे प्रस्ताव में यदि सरकार हार जाती है तो फिर प्रधानमंत्री को पद से इस्तीफा देना पड़ता है. बता दें कि लोकसभा में भाजपा अपने दम पर ही बड़े बहुमत में. वहीं एनडीए को जोड़ लें तो सरकार के पास 350 से ज्यादा सीटें हैं.
50 सांसदों के समर्थन से ही आता है अविश्वास प्रस्ताव
हालांक विपक्षी नेताओं का कहना है कि हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि पीएम मोदी पर दबाव बने और वह मणिपुर के मसले पर संसद में बोलें. लोकसभा के नियमों के मुताबिक कम से कम 50 सांसदों के समर्थन के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. बता दें कि कांग्रेस के पास 50 के करीब ही विधायक हैं. गौरतलब है कि सरकार की ओर से कहा गया है कि होम मिनिस्टर अमित शाह संसद में मणिपुर के मसले पर बहस का जवाब देंगे. हालांकि विपक्ष इस बात पर ही अड़ा है कि पीएम मोदी ही बयान दें.