ABC NEWS: कन्नौज और कानपुर में 196 करोड़ रुपये और 23 किग्रा विदेशी सोना बरामद होने के बाद जेल गये इत्र कारोबारी पीयूष जैन की आखिर 254 दिन रिहाई हो गई. आठ महीने बाद वह जेल से बाहर आ गया है, हालांकि उसकी रिहाई दो दिन पहले होनी थी लेकिन दस्तावेजों के सत्यापन में देरी के चलते गुरुवार को वह जेल से बाहर आ सका. कोर्ट के आदेश के बाद जमानत के एवज में दिए पत्नी व बेटे ने दस-दस लाख के बंधपत्र जमा कराए, जिनका सत्यापन मंगलवार को पूरा हो गया था.
यह था मामला
महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) अहमदाबाद की टीम ने 23 दिसंबर 2021 को इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित आवास और कन्नौज स्थित फर्म पर छापा मारा था. चार दिन चले छापे में दोनों जगहों से 196 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि बरामद हुई थी. साथ ही 23 किग्रा विदेशी मुहर लगा सोना और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ था. पीयूष पर दो मुकदमे दर्ज किए गए थे और 27 दिसंबर को उसे जेल भेजा गया था. एक मुकदमे में पहले और दूसरे में कुछ दिन पहले निचली कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
दस-दस लाख रुपये बंधपत्र पर मिली थी जमानत
इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जमानत के पक्ष में दस-दस लाख रुपये के दो बंधपत्रों पर उसे रिहा करने के आदेश निचली कोर्ट ने दिए थे. जिसके बाद पीयूष की पत्नी कांता जैन और बेटे प्रियांश जैन ने दस-दस लाख रुपये की एफडी दाखिल की थी. एफडी का सत्यापन कराए जाने के आदेश कोर्ट ने शुक्रवार को दिए थे. पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता पीयूष शुक्ला ने बताया कि बैंक की ओर से मंगलवार को सत्यापन कर रिपोर्ट न्यायालय को भेज दी गई थी, जिसके बाद बुधवार को पीयूष जैन की रिहाई की उम्मीद थी.
दस्तावेजों के मिलान में एक दिन बाद हुई रिहाई
इत्र कारोबारी पीयूष जैन की रिहाई दस्तावेज मिलान न होने से फंस गई थी जिसके कारण बुधवार को उसे रिहा नहीं किया गया. दरअसल चलानी रिपोर्ट में वादी की जगह डीजीजीआइ DGGI अहमदाबाद दर्ज था जबकि रिहाई परवाना में डीजीजीआइ काकादेव लिखकर कोर्ट से भेजा गया। ऐसे में पीयूष की रिहाई लटक गई.