पसमांदा मुस्लिमों ने समान नागरिक संहिता (UCC) को बताया मील का पत्थर साबित होने वाला कदम

News

ABC NEWS: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता को लेकर बहस और तैयारियां दोनों ही तेज हो गई हैं. जानकारी के मुताबिक, संसद के मॉनसून सत्र में सरकार इसे लेकर बिल ला सकती है. वहीं कई विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इसके विरोध का लोगों से आह्वान किया. वहीं इस बीच पसमांदा समाज के मुस्लिमों ने इसे मोदी सरकार के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला कदम बताया है. पसमांदा मुस्लिमों ने सपा-बसपा और कांग्रेस पर निशाना साधा. वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी से अच्छा विकल्प देश में कोई दूसरा नहीं है.

दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर पूरे देश में एक बहस छिड़ी हुई है. कई मुस्लिम संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने भी इसके विरोध का ऐलान कर दिया है. इसी बीच बाराबंकी में ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किए जाने के लिए मुसलमानों से अपील की है. AIPMM के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी का स्वागत किया है. उनका कहना है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के लिए एक अच्छी पहल है. अब देश में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून की जरूरत भी है. समान नागरिक संहिता से पसमांदा समाज के मुस्लिमों का भी भविष्य सुधरेगा.

“पिछली सरकारों ने पसमांदा मुस्लिमों को दरी बिछाने तक ही सीमित रखा”
वसीम राईन ने  कांग्रेस और सपा समेत अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा भाजपा को छोड़कर अभी तक सभी राजनीतिक दलों ने पसमांदा मुस्लिमों को दरी बिछाने तक ही सीमित रखा था. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भाजपा सरकार ने उनके जीवन स्तर को उठाने का काम कल्याणकारी योजनाओं के जरिए किया है.

UCC के जरिए समाज में मिलेगा बराबरी का दर्जा: शमीम राईन
वहीं राष्ट्रवादी मुस्लिम पसमांदा महाज के जिलाध्यक्ष शमीम राईन ने कहा कि अब यूसीसी के जरिए हम पसमांदा मुसलमानों को समाज में बराबरी का दर्जा मिल सकेगा. उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पसमांदा मुसलमानों के सामने भाजपा से अच्छा कोई विकल्प नहीं है. वहीं खुर्शीद आलम का कहना है कि यूसीसी का ऐसे लोग विरोध कर रहे हैं, जो तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. हम इसका विरोध क्यों करें? जबकि हमें तो इस कानून से समाज में समानता का दर्जा मिल रहा है.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media