ABC NEWS: वैसे तो साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं, लेकिन अधिक मास में एकादशियों की संख्या बढ़ जाती हैं. इस बार अधिक मास होने के कारण कुल 26 एकादशी होंगी. अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है. इसका पालन करने से यज्ञ, व्रत और तपस्या का फल मिलता है. जीवन का बड़े से बड़ा संकट टल जाता है. इस बार पद्मिनी एकादशी का शनिवार, 29 जुलाई को पड़ रहा है.
पद्मिनी एकादशी की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 29 जुलाई को दोपहर 01 बजकर 05 बजे तक होगा. ऐसे में पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई को रखा जाएगा.
पद्मिनी एकादशी पर शुभ योग
इस साल पद्मिनी एकादशी पर दो बड़े ही शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन ब्रह्म और इंद्र योग रहेंगे. 28 जुलाई को सुबह 11.56 बजे से 29 जुलाई की सुबह 09.34 बजे तक ब्रह्म योग रहेगा. इसके बाद 29 जुलाई को सुबह 09.34 बजे से 30 जुलाई को सुबह 06.33 बजे तक इंद्र योग रहेगा.
पद्मिनी एकादशी का पूजा विधि
पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह स्नान करके पूजा का संकल्प लें. दिनभर भगवान विष्णु और शिव जी की उपासना करें. रात में चार पहर की पूजा करें. पहले पहर में भगवान की पूजा नारियल से, दूसरे पहर में बेल से, तीसरे पहर में सीताफल से और चौथे पहर में नारंगी और सुपारी से करें. अगले दिन सुबह फिर भगवान विष्णु की पूजा के बाद निर्धनों को अन्न या वस्त्र का दान करें.
पद्मिनी एकादशी पर संतान प्राप्ति का उपाय
पद्मिनी एकादशी पर संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी एकसाथ भगवान कृष्ण की पूजा करें. भगवान को पीले पुष्प और पीला फल अर्पित करें. इसके बाद “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” का यथाशक्ति जाप करें. फिर भगवान से संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें. अर्पित किया हुआ फल पति-पत्नी प्रसाद रूप में ग्रहण करें
पाप नाश करने का उपाय
पद्मिनी एकादशी पर रात के समय पूजन की व्यवस्था करें. भगवान के समक्ष एक घी का दीपक जलाएं. इसके बाद भगवद्गीता का पाठ करें या गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करें. फिर पापों के प्रायश्चित के लिए प्रार्थना करें.
प्रस्तुति : भूपेंद्र तिवारी