ABC News: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के “इस्लाम को देश में कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसे हम बड़े हैं का भाव छोड़ना पड़ेगा” वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है. अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा, “मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की “अनुमति” देने वाले मोहन कौन होते हैं? हम भारतीय हैं क्योंकि अल्लाह ने चाहा. उन्होंने हमारी नागरिकता पर “शर्तें” लगाने की हिम्मत कैसे की? हम यहां अपने विश्वास को “समायोजित” करने या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं.”
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, “मोहन कहते हैं कि भारत को कोई बाहरी खतरा नहीं है. संघी दशकों से ‘आंतरिक शत्रुओं’ और ‘युद्ध की स्थिति’ का रोना रो रहे हैं और लोक कल्याण मार्ग में उनके स्वयं के स्वयंसेवक कहते हैं, कोई नहीं घुसा है.” उन्होंने कहा कि चीन के लिए यह ‘चोरी’ और साथी नागरिकों के लिए ‘सीनाजोरी’ क्यों? अगर हम वास्तव में युद्ध में हैं तो क्या स्वयंसेवक सरकार 8+ वर्षों से सो रही है? ओवैसी ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा भारत के भविष्य के लिए खतरा है. AIMIM चीफ ने कहा कि भारतीय असली “आंतरिक शत्रुओं” को जितनी जल्दी पहचान लें, उतना ही अच्छा होगा. कोई भी सभ्य समाज धर्म के नाम पर इस तरह की नफरत और कट्टरता को बर्दाश्त नहीं कर सकता.
Why does PM hug all Muslim leaders of other countries but is never seen hugging a single Muslim in his own country?
What is this awakening and war stuff if not rhetoric and hate speech?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) January 11, 2023
ओवैसी ने आगे कहा, “मोहन को हिन्दुओं का प्रतिनिधि किसने चुना? 2024 में चुनाव लड़ रहे हैं? हम स्वागत करते हैं.” ओवैसी यहीं नहीं रुके, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा अगर आप अपने ही देश में विभाजन पैदा करने में व्यस्त हैं तो आप दुनिया के लिए वसुधैव कुटुम्बकम नहीं कह सकते. ओवैसी ने कहा, “पीएम दूसरे देशों के सभी मुस्लिम नेताओं को गले क्यों लगाते हैं, लेकिन अपने देश में एक भी मुस्लिम को गले लगाते नहीं दिखते?” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने और साथ लेकर चलने की प्रवृति है और इस्लाम को देश में कोई खतरा नहीं है, लेकिन उसे ‘हम बड़े हैं’ का भाव छोड़ना पड़ेगा. भागवत ने कहा, ‘हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने और साथ लेकर चलने की प्रवृति है.” सरसंघचालक ने कहा, “हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान बना रहे, सीधी सी बात है. इससे आज भारत में जो मुसलमान हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं है. वह हैं. रहना चाहते हैं, रहें. पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं. उनके मन पर है.”