ABC NEWS: चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने चांद की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर ली. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है. इसरो के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग पर पीएम मोदी ने इसरो को बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा कि जब हम ऐसे ऐतिहासिक क्षण देखते हैं तो हमें बहुत गर्व होता है. ये नए भारत का सूर्योदय है. प्रधानमंत्री मोदी चंद्रमा पर चंद्रयान की लैंडिंग से पहले वीडियो लिंक के जरिए इसरो के वैज्ञानिकों से जुड़े थे.
चंद्रयान-3 की कामयाबी के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा, “मेरा मन जश्न में डूब गया है. हमने धरती पर संकल्प किया और चांद पर उसे साकार किया…भारत अब चंद्रमा पर है. इससे पहले कोई भी देश वहां (चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव) तक नहीं पहुंचा है। हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत से हम वहां तक पहुंचे हैं.”PM मोदी बोले- अब चंदामामा दूर के नहीं, अब ‘टूर’ के हो गये है.
पीएम मोदी ने कहा, “मैं भले ही दक्षिण अफ्रीका में हूं, लेकिन मेरा दिल हर समय चंद्रयान मिशन के साथ रहा। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए मैं इसरो, इसके वैज्ञानिकों को तहेदिल से बधाई देता हूं. चंद्रमा के इस हिस्से पर अब तक कोई और देश उतरने में सफल नहीं रहा है, इससे चांद के बारे में सारे किस्से-कहानियां बदल जाएंगी.”
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग में सफलता के लिए देशवासियों, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और वैज्ञानिक समुदाय को बधाई दी और कहा कि यह पल ‘अविस्मरणीय, अभूतपूर्व’ और ”विकसित भारत के शंखनाद” का है.
इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की साफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की. भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ. इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है.
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ”जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है. ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है.” उन्होंने कहा, ”यह पल अविस्मरणीय है, यह क्षण अभूतपूर्व है, यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. यह क्षण नए भारत के जयघोष का है. यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. यह क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है। यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सार्म्थय का है. यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नये विश्वास, नई चेतना का है.”
इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ”चंद्रयान-3” के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची. वैज्ञानिकों के अनुसार इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चली. यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था.