ABC NEWS: वंदे भारत ट्रेन को खींचते एक पुराने इलेक्ट्रिक इंजन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसे लेकर हंगामा मचने के बाद भारतीय रेलवे ने सफाई दी है. दरअसल, कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावरु सहित कई लोगों ने वंदे भारत के साथ दशकों पुराने लोकोमोटिव के यूज को लेकर केंद्र पर कटाक्ष किया था. अल्लावरु ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ’70 साल का इतिहास पिछले 9 साल के झूठ को सामने ला रहा है.’ 25 सेकंड के वायरल क्लिप में एक पुराने इंजन को वंदे भारत ट्रेन को खींचते हुए दिखाया गया है.
मौके पर मौजूद स्थानीय लोग इस बारे में बातचीत करते नजर आ रहे हैं. यह वीडियो को कई लोगों की ओर से सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर शेयर किया गया है. कुछ लोगों ने इस बहाने मेट्रो ट्रेन की हाई स्पीड के दावों को लेकर सरकार की आलोचना की है. एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘हम इसे मजाक के रूप में ले रहे हैं, लेकिन यहां तो घोटाला हुआ है. वंदे भारत ट्रेनों को इतनी तेज स्पीड देने के लिए कहा गया था, जितनी पहले कभी नहीं रही. मगर, अभी भी कांग्रेस के समय के इंजन से ही ट्रेन को खींचा जा रहा है. आखिर कैसे?’
पीछले 9 सालों के झूठ को खींच कर ले जाता 70 सालों का इतिहास? pic.twitter.com/WwdCIj7cQL
— Krishna Allavaru (@Allavaru) June 29, 2023
जानें वीडियो को कहां किया गया रिकॉर्ड
रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो 22 जून को उत्तर प्रदेश के सकलडीहा रेलवे स्टेशन के पास शूट किया गया था. शशांक जायसवाल ने सबसे पहले अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर घटना का वीडियो शेयर किया. उन्होंने बताया था कि वंदे भारत ट्रेन को चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री से पटना ले जाया जा रहा था. जायसवाल ने लिखा था कि वंदे भारत में चालक दल का कोई सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए इसे WAG-9 क्लास इंजन से खींचा जा रहा था.
रेलवे ने बताई क्या है सच्चाई
पूर्व-मध्य रेलवे की ओर से इस वायरल क्लिप को लेकर जवाब दिया गया है. रेलवे ने ट्वीट करके बताया कि खाली कोचिंग रेक कमीशनिंग के लिए जा रही है. रेलवे के अनुसार, जब ट्रेन को शुरू में पटरियों पर लाया जाता है, तो उसका रूट तय होने तक उसे दूसरे इंजन के जरिए खींचा जाता है. रूट तय हो जाने बाद ही किसी ट्रेन को उसके लोकोपायलट और क्रू मेंबर्स की ओर से चलाया जाता है. इस बीच, एक ऐसा ड्राइवर जो तय रूट से परिचित हो, वो इन परीक्षणों के दौरान ट्रेन को ऑपरेट करता है.