जोशीमठ में अब शंकराचार्य मठ में पड़ी दरारें, अलर्ट पर केंद्र सरकार,PMO करेगा हाई लेवल मीटिंग

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ABC News: जोशीमठ में स्थिति गंभीर बनी हुई है क्योंकि हिंदू मठों में से एक ज्योतिर्मठ क्षेत्र के शंकराचार्य मठ में भी पिछले 15 दिनों में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं. अब इससे डर पैदा हो गया है. ज्योतिर्मठ प्रशासन के मुताबिक, पिछले 15 दिनों में ये दरारें बढ़ी हैं. मठ के प्रमुख स्वामी विश्वप्रियानंद ने क्षेत्र में होने वाले ‘विकास’ को आपदा का कारण बताया है.

जोशीमठ भू धंसाव मामले पर पीएमओ में हाई लेवल मीटिंग हो रही है. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा करेंगे. इस बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य भी शामिल होंगे. इनके अलावा जोशीमठ जिला प्रशासन के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक से जुड़ेंगे.

विश्वप्रियानंद ने ANI से बात करते हुए कहा, “विकास अब विनाश का कारण बन गया है क्योंकि पनबिजली परियोजनाओं और सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है. 15 दिनों से पहले कोई दरार नहीं थी, लेकिन इन दिनों मठ में दरारें लगातार बढ़ रही हैं.” जोशीमठ शहर को ज्योतिर्मठ भी कहा जाता है. यह भगवान बद्रीनाथ की शीतकालीन गद्दी है, जिनकी मूर्ति हर सर्दियों में जोशीमठ के मुख्य बद्रीनाथ मंदिर से वासुदेव मंदिर में लाई जाती है. जोशीमठ हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. जिला प्रशासन ने सब्सिडी में प्रभावित परिवारों के लिए व्यवस्था की है. घरों में दरारें आने के बाद अब तक कुल 66 परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं. प्रशासन ने रविवार (8 जनवरी) को कहा, “जिला प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित राहत शिविरों में रहने की व्यवस्था की है.” जिला आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, जोशीमठ में लगातार जमीन धंसने के कारण लगभग 561 घरों में दरारें आ गई हैं. अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित लोग, उनके परिवार और बच्चे वर्तमान में रैन बसेरों में रह रहे हैं. राज्य सरकार ने स्थिति का आकलन करने के लिए क्षेत्र में विशेषज्ञों की एक टीम भेजी है.

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