होलिका दहन पर ये गलतियां बिल्कुल न करें नहीं तो कंगाल बनते समय ना लगेगा

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ABC NEWS: होली का त्योहार आने वाला है. इस साल होलिका दहन 7 मार्च को है और 8 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी. पौराणिक कथा के अनुसार, श्री हरि विष्णु ने जब नरसिंह का अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी, तब से होली का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है. होलिका दहन पर लोग लकड़ी, उपले और झाड़ को एक जगह इकट्ठा करके उसे अग्नि के हवाले कर देते हैं. ज्योतिषविदों का कहना है कि होलिका दहन के दिन कुछ गलतियां बिल्कुल नहीं करनी चाहिए. ये गलतियां धनवान को भी कंगाल कर सकती हैं.

उधार पैसा- होलिका दहन पर कभी किसी से रुपया-पैसा उधार नहीं लेना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि जो लोग इस दिन रुपए-पैसे का लेन-देन करते हैं, उन्हें हमेशा कंगाली घेरे रहती है. इससे घर की सुख-संपन्नता में भी कमी आती है. इसलिए ये गलती बिल्कुल न करें.

ये लोग न करें होलिका दहन– ऐसा कहते हैं कि जिन लोगों के पास केवल एक पुत्र है, उन्हें होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित नहीं करनी चाहिए. हालांकि जिन लोगों के पास एक पुत्र और एक पुत्री है, वे होलिका दहन कर सकते हैं.

सफेद चीजों से परहेज- होलिका दहन के दिन सफेद चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए. इस दिन सफेद चीजों का सेवन अच्छा नहीं माना जाता है. होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है और इस दिन सफेद चीजें नकारात्मक शक्तियों को जल्दी आकर्षित करती हैं. इसलिए सफेद मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशा आदि से परहेज करें.

इन पेड़ों की लकड़ी न जलाएं- होलिका दहन में झाड़ या सूखी लकड़ियां जलाई जाती हैं. इसमें कभी भी आम, वट और पीपल की लकड़ी नहीं जलानी चाहिए. दरअसल फाल्गुन में इन तीनों पेड़ों की नई कोपलें निकलती हैं, इसलिए इन्हें जलाना वर्जित होता है. आप गूलर या अरंड के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा.

माता का अपमान- इस दिन भूलकर भी अपनी माता का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपको अशुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. कहते हैं कि होलिका दहन के दिन माता का अपमान करने से जीवन में दरिद्रता आती है. इस दिन सुबह उठकर अपनी माता के चरण स्पर्श करें और उनसे आशीर्वाद लें. आप चाहें तो माता को कोई अच्छा सा उपहार भी लाकर दे सकते हैं.

होलिका दहन पर क्या करें?

होलिका दहन पर होलिका की सात बार परिक्रमा करके उसमें मिठाई, उपले, इलायची, लौंग, अनाज, आदि डालना शुभ होता है. होलिका दहन के बाद परिवार के लोगों के साथ चंद्र दर्शन करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपने पिता बुध की राशि में और सूर्य अपने गुरु बृहस्पति की राशि में स्थित रहते हैं. होलिका दहन के दिन व्यक्ति को अपने परिवार सहित गेहूं और गुड़ से बनी रोटी खानी चाहिए.

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