200 करोड़ की FD के चक्कर में नोएडा अथॉरिटी को लगी 3 करोड़ 80 लाख की चपत!

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ABC NEWS: दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के शहर नोएडा में स्थानीय नोएडा विकास प्राधिकरण में बड़े घपले की जानकारी मिली है. विकास प्राधिकरण ने 200 करोड़ की एफडी के लिए जो रकम बैंक को दी, उसमें से किसी ने 3 करोड़ 80 लाख रुपए बीच में ही साफ कर दिए. इस घटना के बाद से पुलिस महकमे से लेकर नोएडा विकास प्राधिकरण तक में बवाल मचा है. अभी तक रुपयों के बारे में अथॉरिटी और पुलिस दोनों को ही कुछ भी पता नहीं चला है.

200 करोड़ में गायब पाए गये 3 करोड़ 80 लाख

घटना की पुष्टि खुद नोएडा के एडिश्नल डीसीपी शक्ति अवस्थी भी करते हैं. उनके मुताबिक अथॉरिटी ने एफडी के लिए 200 करोड़ रुपए दिए थे जिनमें से 3 करोड़ 80 लाख रुपए गायब पाए गए हैं. इस बारे में अथॉरिटी की ओर से थाना सेक्टर-58 को दी गई शिकायत में डिटेल में बताया गया है. आशंका यह है कि 3 करोड़ 80 लाख रुपए किसी ने जुगाड़ भिड़ाकर अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए हैं. अथॉरिटी ने इस मामले में पूरी जिम्मेदारी बैंक के ऊपर ही डाली है.

नोएडा पुलिस के मुताबिक, 15 जून 2023 को 200 करोड़ रुपए की एक एफडी कराने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी किए थे. शर्त यह थी कि इस एफडी के ऊपर जो भी बैंक ज्यादा ब्याज देगा उसी के यहां इस रकम की एफडी प्राधिकरण करवा लेगा. इसके लिए कई बैंकों ने टेंडर डाला था. सबसे मोटा या कहिए ज्यादा ब्याज देने का दावा सेक्टर-62 नोएडा स्थित बैंक ऑफ इंडिया ने किया.

साइनिंग अथॉरिटी वाले अफसर से पहले पहुंच गया जालसाज

उधर नोएडा प्राधिकरण ने इस बिड के जरिए दो बैंकों का चयन किया. संबंधित बैंक अधिकारियों ने नोएडा प्राधिकरण से संपर्क साधा तो बैंक ऑफ इंडिया में 200 करोड़ की एफडी कराने के वास्ते वहां प्राधिकरण ने दो अरब रुपए जमा करवा दिए. नियमानुसार जिस बैंक में एफडी होती है, वहां एफडी कराने वाले का खाता मौजूद होना जरूरी होता है. ऐसे में नोएडा अथॉरिटी ने एक साइनिंग अथॉरिटी बनाई. इसके लिए बाकायदा एक अफसर नियुक्त कर दिया गया.

इसी अफसर को बैंक में जाकर खाता खोलना था. बीते सोमवार को जब यह साइनिंग अथॉरिटी वाला अफसर बैंक गया, तो उससे पहले ही वहां कोई जालसाज पहुंच चुका था. जिसने 3 करोड़ 80 लाख रुपए फर्जी तरीके इन्हीं 200 करोड़ रुपए में से ट्रांसफर करवा लिए थे. इसके अलावा 9 करोड़ रुपए और ट्रांसफर करवाने की प्रक्रिया उसी वक्त अमल में लाई जाने वाली थी.

पुलिस ने कागजात कब्जे में लिये

अब जब बवाल मचा तो संबंधित बैंक ने गले में फंदा फंसता देख, कहा है कि वो नोएडा अथॉरिटी की एफडी करने की इच्छुक नहीं है. इस बवाल से मुक्ति पाने के लिए बैंक अथॉरिटी को उसके पूरे 200 करोड़ वापस कर देगी. पुलिस की अगर मानें तो तीन करोड़ 80 लाख की जो रकम ट्रांसफर की जा चुकी है. उसके कागजातों पर जो नाम और दस्तखत हैं. वो कब्जे में ले लिए गए हैं. उनकी जांच भी की जा रही है.

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