ABC NEWS: बिहार की सियासत में बड़ी हलचल हो रही है. आरजेडी से तनाव के बीच नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य में नई सरकार की कवायद कर रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार एनडीए के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. वे 28 जनवरी को 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. उनके साथ सुशील मोदी डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं.
जेडीयू ने अपने सभी विधायकों को तुरंत पटना आने के लिए कहा है. जेडीयू ने अपने सभी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं. 28 जनवरी को पटना में महाराणा प्रताप रैली थी, उसे भी रद्द कर दिया गया है. बीजेपी के तमाम नेता दिल्ली में हाईकमान के साथ सिलसिलेवार मीटिंग कर रहे हैं. एनडीए के सहयोगी दलों के नेताओं से भी बातचीत की जा रही है.
बताते चलें कि सुशील मोदी राज्यसभा सांसद हैं और वो 15 जुलाई 2017 से 15 नवंबर 2020 तक बिहार के डिप्टी सीएम रहे हैं. तब नीतीश कुमार सीएम थे. तमाम चुनौतियों के बावजूद दोनों नेताओं के बीच अच्छा तालमेल देखने को मिलता रहा है. वहीं, सुशील मोदी का बयान आया है. उन्होंने कहा, दरवाजे वक्त के हिसाब से खुल सकते हैं. दरवाजा बंद होता है तो खुलता भी है.
‘नीतीश को दोबारा सीएम बनाने के लिए बीजेपी राजी!’
कहा जा रहा है कि बीजेपी और नीतीश कुमार में डील फाइनल हो चुकी है. बीजेपी नीतीश को दोबारा गले लगाने की तैयारी में दिख रही है. राजनीतिक गलियारों में कई किस्म के फॉर्मूले उछल रहे हैं. एक फॉर्मूला ये है कि शायद विधानसभा भंग कर दी जाए. लेकिन इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि नीतीश को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी राजी हो जाए. अब ये फॉर्मूले लगभग फाइनल होने लगे हैं.
‘अमित शाह संभाले हैं पूरे अभियान की बागडोर’
बीजेपी सूत्रों से खबर आ रही है कि नीतीश को ही बागडोर दी जा सकती है. लोकसभा चुनाव तक नीतीश सीएम रह सकते हैं. लोकसभा के साथ बिहार में विधानसभा चुनाव कराया जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद बीजेपी की तरफ से पूरे अभियान में लगे हैं. गुरुवार रात अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की बात हुई है. नड्डा ने अपना केरल का दौरा रद्द कर दिया है. जीतनराम मांझी और चिराग पासवान जैसे एनडीए के अपने सहयोगियों से भी बीजेपी लगातार बात कर रही है.
‘भारत रत्न के ऐलान के बाद बदला सियासी सीन’
दरअसल, बिहार में राजनीतिक हलचल की खबरें तो एक हफ्ते से चल रही हैं. लेकिन, जनननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती से एक दिन पहले बीजेपी ने मास्टर स्ट्रोक खेला और बिहार में सियासी उथल-पुथल शुरू हो गई. बीजेपी ने दिग्गज समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया है. उसके बाद श्रेय लेने की राजनीति शुरू हुई और बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू तीनों दलों के नेता आपस में भिड़ गए.
‘नीतीश ने परिवारवाद पर बोला हमला’
अगले दिन जब जेडीयू ने कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती का अपना अलग कार्यक्रम रखा तो उसमें परिवारवाद पर सीधा बोला. नीतीश का कहना था कि जैसे कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया, वैसे ही हम भी अपने परिवार को राजनीति से दूर रखते हैं. जबकि कुछ लोग तो अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं. नीतीश के इस हमले को खासतौर पर आरजेडी में लालू परिवार और कांग्रेस में गांधी परिवार से जोड़कर देखा गया.