ABC NEWS: आज 9 अप्रैल रविवार से इस माह का नया सप्ताह प्रारंभ हो रहा है. आज पहले दिन वैशाख की संकष्टी चतुर्थी व्रत है. अप्रैल के दूसरे सप्ताह में सूर्य का मेष राशि में गोचर होने वाला है. सूर्य की मेष संक्रांति है. उस दिन से ही सौर नववर्ष का प्रारंभ भी होगा. इस सप्ताह में कालाष्टमी व्रत, बैशाखी जैसे व्रत-त्योहार आने वाले हैं. इसके अलावा वरूथिनी एकादशी का व्रत भी है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि ये महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार कब और किस दिन हैं?
अप्रैल 2023 दूसरे सप्ताह के व्रत और त्योहार
13 अप्रैल, गुरुवार: वैशाख कालाष्टमी व्रत
14 अप्रैल, शुक्रवार: सूर्य गोचर, मेष संक्रांति, बैशाखी, खरमास समापन
16 अप्रैल, रविवार: वरूथिनी एकादशी
कालाष्टमी व्रत 2023: वैशाख माह का कालाष्टमी व्रत 13 अप्रैल दिन गुरुवार को है. हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन रुद्रावतार काल भैरव की पूजा करते हैं. काल भैरव की पूजा करने से ग्रह दोष, मृत्यु भय, रोग आदि दूर होते हैं. रात्रि के प्रहर में काल भैरव की पूजा की जाती है. ये तंत्र मंत्र के देवता हैं. तांत्रिक शक्ति के लिए भी निशिता मुहूर्त में कालाष्टमी की पूजा होती है.
सूर्य गोचर 2023: मेष राशि में सूर्य का गोचर 14 अप्रैल को होने वाला है. उस दिन से एक माह तक सूर्य मेष राशि में रहेगा. 15 मई को सूर्य मेष राशि से वृष में प्रवेश करेगा.
मेष संक्रांति 2023: सूर्य जब 14 अप्रैल को जिस समय मेष राशि में प्रवेश करेगा, उस समय मेष संक्रांति होगी. मेष संक्रांति के दिन स्नान और दान करते हैं. सूर्य देव की पूजा करते हैं. मेष संक्रांति का क्षण दोपहर 03 बजकर 12 मिनट पर है. पुण्यकाल सुबह 10 बजकर 55 मिनट से शाम 06 बजकर 46 मिनट तक और महापुण्यकाल दोपहर 01 बजकर 04 मिनट से शाम 05 बजकर 20 मिनट तक है.
बैशाखी 2023: फसलों का त्योहार बैशाखी इस साल 14 अप्रैल को है. बैशाखी का त्योहार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में मनाया जाता है. इस समय तक फसलें पककर तैयार हो जाती हैं और उन्हें काटकर घर में रख लिया जाता है. बैशाखी के अवसर पर लोग नए कपड़े पहनते हैं, भांगड़ा और गिद्दा से मनोरंजन किया जाता है. घरों पर पकवान बनाए जाते हैं. मेले का आयोजन होता है, जिसमें कुश्ती और अन्य खेल भी होते हैं.
खरमास समापन 2023: सूर्य देव जब 14 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे तो खरमास का समापन हो जाएगा. धनु और मीन राशि में सूर्य के होने पर खरमास लगता है, इस वजह से साल में दो बार खरमास होता है. हालांकि 14 अप्रैल को खरमास खत्म हो रहा है, लेकिन गुरु के अस्त होने के कारण अभी मांगलिक कार्य नहीं होंगे.
वरूथिनी एकादशी 2023: इस साल वरूथिनी एकादशी का व्रत 16 अप्रैल को है. इस दिन भगवान विष्णु के वराह स्वरूप की पूजा की जाती है. इससे व्रत और पूजा से पाप मिटते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.