ABC NEWS: दिसंबर आ गया, लेकिन ठिठुरने वाली ठंड नहीं आई. साल के अंतिम महीने के दो सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन ठंड ही नहीं, कोहरा भी गायब है. कहा जा रहा है कि उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों की यही कहानी है. अब सवाल है कि ऐसा क्यों? 2022 में बारिश, गर्मी ने जब मौजूदगी दर्ज कराई, तो फिर ठंड क्यों आंख मिचोली खेल रही है. एक्सपर्ट्स से समझते हैं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉक्टर एम मोहापात्रा का कहना है, ‘इस बार सर्दियां सामान्य से ज्यादा गर्म है. लेकिन ऐसा क्यों है, यह सटीक रूप से नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा, ‘एक बड़ा कारण नवंबर और दिसंबर में सक्रिय पश्चिम विक्षोभों को नहीं होना है. मौसम शुष्क रहा और हवाएं उतनी मजबूत नहीं रहीं. इसलिए हमें शीतलहर या कोहरे वाले दिन नहीं दिख रहे हैं.’
दरअसल, पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में सर्दियां आने के संकेत देते हैं. वे बारिश के तूफान हैं, जो भूमध्य सागर में तैयार होते हैं और पूर्व की ओर बढ़ते हैं और हिमालय पर असर डालते हैं. इसके चलते पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी है और नवंबर से फरवरी के बीच उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में बारिश होती है. बारिश नहीं होने से आसमान में बादल नहीं होते और सूरज की किरणें धरती की सतह तक सीधे पहुंचती हैं. जैसे ही जमीन गर्म होती है, तो यह वातावरण में और गर्मी रेडिएट करती है, जिससे पारा और नीचे नहीं गिरता.
तो फिर कब आएंगी सर्दियां?
मौसम विभाग का पूर्वानुमान बताया है कि मैदान में सर्दियां आने में थोड़ा समय लग सकता है. हालांकि, सोमवार को जम्मू और कश्मीर में एक पश्चिमी विक्षोभ का असर हुआ है, जो जल्दी खत्म हो सकता है. शिमला में IMD रीजनल सेंटर के प्रमुख सुरेंद्र पॉल का कहना है, ‘यह केवल जम्मू और कश्मीर के उत्तरी हिस्सों और किन्नौर, लाहौल स्पीति जैसे हिमाचल के इलाकों में बर्फबारी हो रही है। बाकी क्षेत्र काफी शुष्क है.’
कहा जा रहा है कि कम से कम इस सप्ताह के अंत तक पश्चिम विक्षोभ की गतिविधियां या बारिश के दौर के आसार नहीं हैं. अगले कुछ दिनों में धीरे-धीरे न्यूनतम तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस कम हो सकता है, लेकिन कोहरे के आसार नहीं हैं. मौसम विभाग ने भी उत्तराखंड के अलावा इस सप्ताह उत्तरी राज्यों के लिए शीतलहर की चेतावनी नहीं दी है.