कनाडा तनाव से परेशान छात्रों के परिवारवालों को मोदी सरकार ने दिया भरोसा, चिंता की कोई बात नहीं

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ABC NEWS: भारत और कनाडा के बीच चल रही तनातनी को लेकर कनाडा में पढ़ रहे छात्रों के परिवार दहशत में आ गए थे. अब मोदी सरकार ने पैरेंट्स की चिंता दूर कर दी है. सरकार की ओर से कहा गया है कि छात्रों के परिजनों को डरने की जरूरत नहीं है. विदेश मंत्रालय ने 44 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेस में कनाडा को लेकर एक-एक सवाल का जवाब दे दिया. सरकार ने कनाडा के साथ-साथ पूरी दुनिया के सामने भारत का रुख स्पष्ट कर दिया. बहुत लोगों के मन में कनाडा और भारत के रिश्तों में आई खटास को लेकर कई सवाल हैं.

पहला सवाल यह है कि कनाडा में रह रहे छात्रों का क्या होगा? भारत में छात्रों के माता-पिता उनके भविष्य को लेकर चिंतित हैं. इसी को लेकर भारत सरकार ने सबसे पहले कनाडा में पढ़ रह छात्रों को लेकर चिंता दूर करने वाला बयान दिया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि रिश्तों का असर भारत के छात्रों पर नहीं पड़ेगा. यहां तक कि वीजा पर लगाई गई अस्थाई पाबंदी का असर भी भारतीय छात्रों पर नहीं होगा. यानी कनाडा में पढ़ रहे छात्रों के परिजनों को डरने की कोई जरूरत नहीं है.

वहीं दूसरा सवाल यह है कि कनाडा के प्रधानमंंत्री ट्रूडो के आरोप को भारत कैसे देख रहा है? इसका जवाब भारत के विदेश मंत्रालय ने दिया है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि खालिस्तानी आतंकी की हत्या में भारत की कोई भूमिका नहीं है. कनाडा सरकार की तरफ से कोई सबूत नहीं दिए गए हैं. भारत मानता है कि कनाडा के प्रधानमंत्री के आरोप के पीछे सियासी टूल किट हैं.

तीसरा सवाल यह है कि भारत ने कनाडा के लोगों के लिए वीजा सर्विस रद्द क्यों की? इसको लेकर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों को खालिस्तानी आतंकी खुलेआम धमकी दे रहे हैं. खालिस्तानी आतंकियों पर कनाडा सरकार की नरमी की वजह से भारतीय दूतावास में काम करना इस वक्त मुश्किल है. लिहाजा इस वजह से अस्थाई तौर पर वीजा सर्विस रद्द कर दी गई है. दुनिया के किसी कोने में रहने वाले कनाडा के लोगों को भारत वीजा नहीं देगा.

भारत विरोधी आतंकियों को शरण दे रही कनाडा सरकार
इस मुद्दे को लेकर चौथा सवाल यह है कि क्या भारत ने इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों से चर्चा की? इस सवाल के जवाब में कहा गया है कि भारत ने अपने सभी स्टैटजिक पार्टनर्स के साथ इस मुद्दे पर सिर्फ चर्चा ही नहीं की, बल्कि डंके की चोट पर बता दिया कि कनाडा के आरोप बेबुनियाद हैं. कनाडा की मौजूदा सरकार भारत विरोधी आतंकवादियों को शरण दे रही है. भारत विरोधी एजेंडे को फलने फूलने का मौका दे रही है.

राजनीतिक फायदे के लिए कट्टरता पर आंखें मूंदे बैठी है कनाडा सरकार
अगला सवाल उठता है कि कनाडा से कूटनीतिक  रिश्तों का भविष्य क्या है? इस पर भारत ने कनाडा के डबल स्टैंडर्ड को एक्सपोज कर दिया. भारत ने स्पष्ट कर दिया कि जिस तरह पाकिस्तान आतंकवादियों की पनाहगाह है, आतंकियों को फंडिंग पाकिस्तान से होती है, ठीक ऐसे ही इस वक्त आतंकियों के लिए कनाडा एक सेफ हेवन बना हुआ है. कनाडा सरकार पॉलिटिकल फायदे के लिए कट्टरता पर आंखें मूंदकर बैठी हुई है.

भारत ने कई दहशतगर्दों की डिटेल कनाडा सरकार के साथ शेयर की, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ. भारत की अब लाइन यही है कि बड़बोले कनाडा के चाल चरित्र और चेहरे दुनिया के सामने एक्सपोज करेंगे.

कनाडा के साथ चल रहे तनाव के बीच दूसरे देशों का रुख कर सकते हैं छात्र
कनाडा से चल रही तनातनी के बीच माना जा रहा है कि भारतीय छात्र अब दूसरे देशों का भी रुख कर सकते हैं, क्योंकि छात्रों के परिजनों को इस बात का डर सता रहा है कि दोनों देशों के बीच तनाव लंबे समय तक चला तो बच्चों का करियर प्रभावित हो सकता है. इसी के साथ स्टडी वीजा या पीआर प्रक्रिया में देरी हो सकती है. अटकलें यह भी हैं कि कनाडाई सरकार भारतीय छात्रों के लिए एजुकेशन वीजा की संख्या भी सीमित कर सकती है.

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