ABC NEWS: देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी परेशान करने लगी है. फरवरी के महीने में ही गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. फरवरी महीने में दिन में औसत तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 122 वर्षों में सबसे ज्यादा है और इस वर्ष देश के कई हिस्सों में फरवरी महीना सामान्य से अधिक गर्म रहा. गर्मी की शुरुआत के बीच मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले महीनों में गर्मी के और भी रिकॉर्ड टूट सकते हैं.
मार्च महीने में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में औसत तापमान 40 से 42 डिग्री तक पहुंच सकता है. वहीं, मार्च के महीने में भयंकर हीटवेव या लू लोगों को परेशान कर सकती है. सामान्य तौर पर उत्तर भारत में हीटवेव का असर मई-जून के महीने में देखा जाता है, लेकिन इस बार मई-जून वाली स्थिति फरवरी-मार्च में ही बन रही है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि मौसम में ये बदलाव क्यों हो रहा है और आखिर इस साल फरवरी में ही इतनी गर्मी क्यों पड़ी?
फरवरी में इतनी गर्मी क्यों?
मौसम विभाग ने इसकी दो वजह बताई हैं. इनमें पहली वजह ये है कि इस बार फरवरी महीने में कम बारिश हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक इस साल जनवरी और फरवरी महीने में देश के 264 जिलों में बारिश नहीं हुई और केवल 54 जिलों में ही सामान्य बारिश हुई. बारिश होने से तापमान घटता है, लेकिन फरवरी महीने में पिछले वर्षों की तुलना में कम बारिश हुई इसलिए तापमान बढ़ गया.
वहीं, दूसरी वजह है आसमान का साफ होना. जब आसमान में बादल नहीं होते यानी आसमान साफ होता है तब सूर्य की किरणें बिना किसी रुकावट के सीधे जमीन पर पड़ती हैं, जिससे गर्मी बढ़ती है और फरवरी महीने में बादल कम बने, बारिश कम हुई और आसमान साफ रहा इसलिए गर्मी और बढ़ी. बढ़ती गर्मी के साथ कई तरह की बीमारियां भी बढ़ती हैं. इसीलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी की है और गर्मी में उन लोगों को ज्यादा सावधान रहने को कहा है जिन्हें हृदय से जुड़ी कोई बीमारी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि हृदय रोग से जुड़े लोगों की लिस्ट बनाएं. उन्हें नियमित जांच कराने को कहें, क्योंकि आने वाले दिनों में हीटवेव बढ़ेगी, तो हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ेंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
आम तौर पर लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले ठंड के दिनों में बढ़ते हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर बताया है कि जिन्हें हृदय से जु़ड़ी कोई बीमारी है, उन्हें गर्मी के दिनों में भी सतर्क रहने की जरूरत है. गर्मी में हृदय से जु़ड़ी बीमारियों का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि गर्मी में हमारे शरीर से पसीना ज्यादा निकलता है, जिससे खून में पानी की कमी हो जाती है और खून गाढ़ा हो जाता है. ऐसी स्थिति में हृदय पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
हालांकि मौसम में आ रहे इस बदलाव से निपटने की तैयारी सिर्फ भारत के लोगों को नहीं करनी, बल्कि पूरी दुनिया को करनी है, क्योंकि दुनिया में कई जगहों पर मौसम से जुड़ी ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुईं. स्पेन के बार्सिलोना (Barcelona) में फरवरी के महीने में तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है और इस समय वहां पर लोग छुट्टियां मनाने जाते हैं, लेकिन इस बार फरवरी में बार्सिलोना के आसपास का तापमान माइनस 2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और वहां पर अब बर्फबारी हो रही है और बार्सिलोना में पहली बार फरवरी महीने में बर्फीले तूफान का रेड अलर्ट जारी हुआ है.