ABC News: उत्तर प्रदेश की तीर्थनगरी मथुरा में होली का उत्सव विश्व प्रसिद्ध है. यहां मंगलवार की शाम को लठामार होली का उत्सव शुरू हो गया. बरसाना में हुरियारिनों ने नंदगांव के हुरियारों को लाठियों से पीटा. उन पर छतों से रंग बरसाया. यह दृश्य देख मानों कुछ समय के लिए समय भी ठहर गया हो. चहुंओर खुशी और रंगों का उत्सव है.
मंगलवार को राधा रानी की नगरी बरसाना में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंची. यहां तिल रखने तक की जगह नहीं रही. सड़कें रंगों से सराबोर रहीं. श्रद्धालुओं ने होली उत्सव का भरपूर आनंद लिया. इस मौके पर राधा-कृष्ण के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. इससे पहले हुरियारे प्रिया कुंड से भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप ध्वजा को लेकर श्रीजी मंदिर के लिए निकले. इस दौरान उन पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए. हुरियारों और हुरियारन के बीच संगीत प्रतियोगिता आयोजित हुईं.
फाग गीतों से पूरा बरसाना ढूम उठा. पुरुष मनमग्न होकर नृत्य करते रहे. बताया जाता है कि यह परंपरा पांच हजार पहले शुरू हुई. तब से लेकर आज तक वैसा ही उत्सव मनाया जाता है. इसमें शामिल होने के लिए देश ही नहीं दूसरे देशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. बरसाना की लठामार होली का विशेष महत्व है. इस मौके पर हुरियारिन पुरुषों पर लाठी से वार करती हैं और पुरुष उससे बचाव करते हैं.
यदि वह इसमें असफल रहते हैं तो उन्हें महिलाओं की वेशभूषा में नृत्य करना पड़ता है. ब्रज में 40 दिन तक चलने वाले होली उत्सव का शुभारंभ बसंत पंचमी के दिन से हो जाता है. इस बीच यहां अलग-अलग दिनों में अलग-अलग मंदिरों में उत्सव चलता है.
यहां होलिका अष्टक से पहले लड्डू होली, पिचकारी होली, फूलों की होली का उत्सव चलता है।. इसके साथ ही ब्रज में रंग, अबीर, गुलाल, लाठी और अंगारों की भी होली खेली जाती है.