ABC NEWS: भले ही राहुल गांधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपना रुख नरम किए हों लेकिन ममता कांग्रेस को बख्शने के मूड में नहीं हैं. ममता बनर्जी ने एक बार फिर से कहा है कि 300 सीटों पर लड़ने के बाद भी कांग्रेस 40 सीट नहीं जीत पाएगी. ममता का यह बयान तब आया है जब हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी टीएमसी के साथ लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे की व्यवस्था पर चर्चा कर रही है और मुद्दे का समाधान निकल जाएगा. ममता का बयान राहुल के बयान के बिलकुल उलट है. समझ में नहीं आ रहा है कि ये कैसा इंडिया गठबंधन है जहां ममता लगातार कांग्रेस को टारगेट कर रही हैं. उन्होंने राज्य में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान पहले ही किया हुआ है.
वहीं महज एक दिन पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए है, ना कि पश्चिम बंगाल या किसी अन्य राज्य के विधानसभा चुनावों के लिए है. उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 2024 के लोकसभा चुनाव के संदर्भ में बहुत फायदेमंद होगी. उनकी यात्रा अभी पश्चिम बंगाल में है.
राहुल गांधी दे चुके हैं सफाई
इन बयानों के बाद शायद इंडिया गठबंधन के समर्थकों का सिर चक्र जाएगा. बंगाल में ही राहुल गांधी से यह पूछे जाने पर कि राज्य में कांग्रेस के लिए एक भी लोकसभा सीट छोड़ने की अनिच्छा के बावजूद कांग्रेस टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी को महत्व क्यों दे रही है, तो उन्होंने कहा कि न तो ममता जी ने कहा है, न ही कांग्रेस गठबंधन से बाहर हुई है. ममता जी भी कह रही हैं कि वह गठबंधन में हैं. दोनों तरफ से सीटों पर चर्चा जारी है. इसे सुलझा लिया जाएगा.
ममता का क्या है आरोप?
दूसरी तरफ ममता का साफ कहना है कि वह कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था को लेकर इच्छुक थीं, लेकिन उसने चुनावों में बीजेपी की सहायता के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा से हाथ मिला लिया है, जिसके कारण टीएमसी ने आगामी लोकसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का विकल्प चुना है. ममता ने यह भी कहा कि टीएमसी चुनाव के बाद अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ काम करेगी. इसका मतलब यही है कि कांग्रेस को लेकर अभी भी ममता की शंका दूर नहीं है.