ABC NEWS: मकर संक्रांति का पर्व ग्रहों के राजा सूर्य की पूजा के लिए है. इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं और इस दिन से देवताओं का दिन शुरू होता है. कुंडली में सूर्य का प्रभाव बढ़ता है तो व्यक्ति के मान-सम्मान, पद आदि में वृद्धि होती है. आपको अपने कार्यों में पिता का सहयोग प्राप्त होता है. जो लोग राजनीति में होते हैं, उनको सूर्य के प्रभाव से बड़ा पद मिलता है. सूर्य का तेज आपके भी आभा मंडल को प्रकाशवान करता है. आपके मुख मंडल का तेज बढ़ता है. यही सूर्य जब कमजोर होता है तो व्यक्ति रोगी होता है, कार्य असफल होते हैं, पिता से असयोग रहता है, यश और कीर्ति की हानि होती है. गलत आरोपों से सम्मान को चोट पहुंचता है. मकर संक्रांति के अवसर पर आप सूर्य देव की उपासना से अपनी किस्मत को संवार सकते हैं.
मकर संक्रांति पर सूर्य पूजा विधि
श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बताते हैं कि मकर संक्रांति के दिन आप सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा करें. स्नान के बाद लाल या नारंगी वस्त्र पहन लें. ऐसे वस्त्र न हों तो कोई भी साफ वस्त्र पहन लें. उसके बाद एक लोटे में जल, गंगाजल, अक्षत्, लाल चंदन और लाल फूल डालकर ओम सूर्याय नम: मंत्र के उच्चारण से उनको जल अर्पित कर दें. इसके बाद आप सूर्य देव के मंत्र का जाप करें.
सूर्य देव के प्रभावशाली मंत्र
1. ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
2. ओम ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
3. ओम ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
राशि अनुसार सूर्य मंत्रों का जाप
मेष: ओम अचिंताय नम:
वृष: ओम अरुणाय नम:
मिथुन: ओम आदिभुताय नम:
कर्क: ओम वसुप्रदाय नम:
सिंह: ओम भानवे नम:
कन्या: ओम शांताय नम:
तुला: ओम इंद्राय नम:
वृश्चिक: ओम आदित्याय नम:
धनु: ओम शर्वाय नम:
मकर: ओम सहस्त्र किरणाय नम:
कुंभ: ओम ब्रह्मणे दिवाकर नम:
मीन: ओम जयिने नम: