ABC NEWS: माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका लगा है. वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मुख्तार अंसारी पर डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस लेने का आरोप था. मुख्तार अंसारी को अब तक कुल सात मुकदमे में सजा हो चुकी है. 36 साल पहले फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में मोहम्मदाबाद थाने में मामला दर्ज किया गया था.
36 साल पुराना है केस
बता दें कि यह मामला करीब 36 साल पुराना है, जब माफिया मुख्तार अंसारी की ओर से 10 जून 1987 को बंदूक का लाइसेंस लेने के लिए गाजीपुर डीएम को अप्लीकेशन दी गई थी. इसमें जिलाधिकारी और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर कर लाइसेंस लेने का आरोप लगा था. मामले की जानकारी होने के बाद पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया.
दो के खिलाफ पुलिस ने फाइल की चार्जशीट
पुलिस ने जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इस दौरान कोर्ट में पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. इस मामले में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अवनीश कुमार गौतम ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया था.
बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
माफिया मुख्तार अंसारी अभी यूपी की बांदा जेल में बंद है. मंगलवार को सुरक्षा कारणों की वजह से उसकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी हुई थी. बता दें कि फर्जी शस्त्र लाइसेंस केस को जोड़ लें तो माफिया मुख्तार अंसारी को अब तक आठ मामलों में सजा हो चुकी है.