ABC NEWS: यूपी के चर्चित हाथरस कांड में गुरुवार को अदालत का फैसला आ गया. चार में से तीन आरोपियों को बरी कर दिया गया है. एक आरोपी संदीप को दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. संदीप को युवती की गैर इरादतन हत्या और एससी एसटी एक्ट में सजा के साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इसमें से 40 हजार रुपए पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। युवती के परिजनों की तरफ से पैरवी कर रहे वकील ने तीनों आरोपियों को भी सजा के लिए हाईकोर्ट जाने की बात कही है.
हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में सितंबर 2020 में एक युवती को गंभीर हालत में खेत में पड़ा पाया गया था. परिजनों ने गैंगरेप का आरोप लगाया था. गंभीर हालत में उसे पहले अलीगढ़ फिर दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां कई दिनों तक इलाज के बाद उसकी मौत हो गई थी.
पुलिस ने युवती का शव परिजनों को देने की जगह आधी रात मिट्टी का तेल छिड़ककर जला दिया था. इसकी तस्वीरें वायरल होने पर बवाल मच गया था। सपा कांग्रेस समेत तमाम दल सड़क पर उतर आए थे. चौतरफा घिरने के बाद पुलिस ने गांव के ही संदीप समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था.
हाथरस की स्पेशल एससी-एसटी कोर्ट त्रिलोक पाल सिंह की अदालत में ढाई साल तक चली सुनवाई के बाद गुरुवार को फैसला आया. परिजनों का मुख्य आरोप गैंगरेप के बाद हत्या का था. हालांकि अदालत ने गैंगरेप या हत्या का मामला नहीं माना. आरोपी बनाए गए रवि, रामू और लवकुश को रिहा कर दिया. संदीप को गैर इरादतन हत्या और एससीएसटी एक्ट में दोषी पाते हुए सजा सुनाई.
वादी पक्ष के अधिवक्ता का बयान
वादी पक्ष के अधिवक्ता महिपाल ने बताया कि संदीप को आजीवन कारावास, 50 हजार का जुर्माना की सजा सुनाई गई है. इसमें से 40 हजार रुपये पीड़ित पक्ष को देने का आदेश है. उन्होंने कहा, फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट जाएंगे। एक आरोपी को दोषी करार कराने और सजा दिलाने में कामयाब रहे. अन्य के खिलाफ भी इसी फैसले को आधार बनाते हुए अपर कोर्ट जाएंगे.