ABC NEWS: जम्मू कश्मीर में कश्मीरियों को इंसाफ देने की पहल मोदी सरकार द्वारा शुरू हो गई है. इसके लिए संसद में दो विधेयक पेश किए हैं. इस विधेयक पर लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीरियों के लिए कई मुद्दों को उठाए. कश्मीर में पत्थर फेंकने वाले मुद्दे पर अमित शाह ने हमला बोला और कहा कि लोग कहते थे कि अगर कश्मीर में आर्टिकल 370 हटा तो खून की नदियां बह जाएंगी. अरे खून की नदियां छोड़ो, अब किसी में कंकड़ तक चलाने की हिम्मत नहीं है. उन्होंने आगे कहा, “कुछ लोग पूछ रहे थे कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से क्या होगा? कश्मीरी पंडितों को आरक्षण देने से कश्मीर की विधानसभा में उनकी आवाज गूंजेगी और अगर फिर विस्थापन की स्थिति आएगी तो वो उसे रोकेंगे.”
Speaking in the Lok Sabha on two landmark bills related to the Jammu and Kashmir. https://t.co/w4PqoAsiZX
— Amit Shah (@AmitShah) December 6, 2023
कश्मीर मुद्दे पर अमित शाह ने दिया ये बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर के अन्य मुद्दों पर भी बात की. उन्होंने कहा, “जो लोग कहते थे कि जम्मू कश्मीर में क्या हुआ? आप तो मूल से ही कटे हो, मूल के साथ संपर्क ही नहीं है, तो कैसे मालूम होगा कि जम्मू कश्मीर में बदलाव क्या हुआ. इंग्लैंड में छुट्टी मनाकर जम्मू कश्मीर में बदलाव नहीं मालूम पड़ेगा.” बैकवर्ड क्लास को लेकर की अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर हमला किया, “यहां कांग्रेस के ढेर सारे मित्र बैकवर्ड क्लास करते हैं. पहले अपना इतिहास तो देखो. बैकवर्ड क्लास का सबसे बड़ा विरोध और बैकवर्ड क्लास को रोकने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है.”
पिछड़े वर्ग मामले पर अमित शाह ने कही ऐसी बात
उन्होंने आगे कहा, “पिछड़ा वर्ग आयोग को 70 वर्षों से संवैधानिक मान्यता नहीं दी, नरेन्द्र मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता दी.” अमित शाह ने आगे कहा, “काका कालेलकर की रिपोर्ट को रोक कर रखा. मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया और जब लागू करने की बात हुई तो राजीव गांधी ने इसका विरोध किया. आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने की बात कभी नहीं की गई. नरेन्द्र मोदी की सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को 10% आरक्षण दिया.”
सोनिया और मनमोहन पर भी बोला हमला
गृह मंत्री अमित शाह ने सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह पर भी हमला बोला और कहा, “1994 से 2004 के दौरान आतंकवाद की कुल घटनाएं 40,164 हुईं. 2004-14 सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के शासन काल के दौरान आतंकवाद की घटनाएं 7,217 हुईं. 2014 से 2023 श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के शासन काल के दौरान आतंकवाद की घटनाएं सिर्फ 2,000 हुईं, 70% की कमी आई है.”