ABC News: कानपुर में स्टेट जीएसटी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते लुधियाना के एक ट्रक चालक की मौत के मामले में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. इसको लेकर व्यापारियों ने स्टेट जीएसटी कार्यालय पहुंचकर अफसरों का घेराव किया. व्यापारियों ने ट्रक चालक के परिजनों को मुआवजा देने के साथ आरोपी अफसरों पर एक्शन लेने की मांग की.
दरअसल, कोयलानगर से स्क्रैप लादकर पंजाब जा रहे ट्रक चालक बलवीर सिंह को अपने बेटे की मौत की खबर मिली तो उन्होंने घर की तरफ गाड़ी दौड़ा दी. ट्रांसपोर्टर संजीव दीक्षित का कहना है कि ट्रक को गुरुवार देर रात एसजीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर अमित मोहन और जेसी पारसनाथ यादव ने रोका था. ट्रक ड्राइवर के बेटे की लुधियाना में बीमारी से मौत की जानकारी भी सिपाहियों के माध्यम से अफसरों तक पहुंचाई. लेकिन अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा. आरोप है कि मौजूद स्टाफ ने चालक से मोबाइल छीनकर बंद कर दिया था. जब वो देर रात करीब तीन बजे कार्यालय पहुंचे, तो सुबह आने की बात बोलकर चलता कर दिया गया. इस बीच, रविवार को अधिकारियों ने उसे फोन किया तब फोन उठा नहीं. जब ट्रक चेक किया गया, तो चालक वहीं पड़ा मिला.
यह देखकर अफसरों के हाथ पैर फूल गए. आनन फानन में ट्रांसपोर्टर को सूचना देकर ट्रक चालक को हैलट अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. इसको लेकर सोमवार को जमकर नाराजगी देखी गई. उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के पूर्व सदस्य गुरविंदर सिंह छाबड़ा ने कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को शिकायती पत्र देकर आरोपी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की. वहीं, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल पदाधिकारी स्टेट जीएसटी कार्यालय पहुंचे. यहां पर व्यापारियों ने अपर आयुक्त ग्रेड वन जीएस बौनाल का घेराव किया. व्यापारियों ने दोनों ज्वाइंट कमिश्नर समेत उस वक्ता सभी कर्मचारियों पर एक्शन लेने की मांग की. इसके अलावा ट्रक चालक के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की गई. व्यापारी नेता ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि ट्रक चालक का परिवार कानपुर आ चुका है, अगर वो एफआइआर की बात करते हैं तो आरोपी अफसरों पर एफआइआर भी दर्ज करायी जाएगी.
वहीं अपर आयुक्त ग्रेड वन जीएस बौनाल इस मामले में विभागीय अफसरों का बचाव करते दिखे. उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में अनियमितता मिलने पर गाड़ी रोकी गई थी और जांच चल रही थी. आरोपों को निराधार बताते उन्होंने कहा कि ट्रक को रोका गया था, ड्राइवर को नहीं रोका गया था. अगर उन्हें कोई समस्या थी, वह बताते तो वह उसका समाधान करते. उन्होंने कहा कि अगर इस बात की ट्रांसपोर्टर को जानकारी थी तो उन्हें भी बताना चाहिए था और ड्राइवर को भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. ट्रक चालक का मोबाइल छीने जाने की बात पर इसकी जानकारी होने से उन्होंने इंकार किया.