ABC News: बाबा आनंदेश्वर मंदिर (परमट) के पूर्व महंत और श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्याम गिरी महाराज का पार्थिव देह सोमवार देर रात करीब 11 बजे देहरादून से लाये जाने के बाद मंगलवार सुबह करीब पौने दस बजे को बाबा घाट पर भू-समाधी दी गई. इस वजह से मंदिर के कपाट अब बुधवार को ही खोले जाएंगे. मंदिर में महंत के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से भक्तों की कतार लगी.
परमट स्थित बाबा आनंदेश्वर मंदिर से बाबा घाट तक शोभायात्रा निकाले जाने के बाद सुबह करीब पौने दस बजे गौशाला में भू-समाधी दी गई. यहां संत समाज और जूना अखाड़ा के पदाधिकारी भी मौजूद हैं और भक्त भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचते रहे. वहीं सुबह से बाबा आनंदेश्वर मंदिर के कपाट भी बंद हैं. लंबे समय तक परमट मंदिर के महंत व महामंडलेश्वर रहे श्याम गिरि महाराज का निधन रविवार को लंबी बीमारी के बाद देहरादून में हो गया था. परमट मंदिर के पीठाधीश श्री 1008 महामंडलेश्वर श्याम गिरी महाराज को लंबे समय से सांस लेने में दिक्कत थी. इसके इलाज के दौरान उनका शरीर शांत हो गया है. श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा मुख्यालय हरिद्वार में अंतिम दर्शन के बाद सोमवार कानपुर लाया गया. जूना अखाड़ा की ओर से परमट मंदिर में तैनात महंत अरुण भारती ने बताया कि पार्थिव देह के अंतिम दर्शन को देर रात से भोर पहर तक भक्त पहुंचते रहे. अखाड़े की ओर से संत परंपरा के अनुसार महाराज श्री के पार्थिव देह मंत्रोच्चारण के बीच सुबह करीब पौने दस बजे गौशाला में भू-समाधी दी गई. भू-समाधि में महाराज श्री के अंतिम दर्शन को सैकड़ों भक्तों के साथ जूना अखाड़ा के हरि गिरि महाराज, प्रेम गिरि महाराज, महामंडलेश्वर श्रीकृष्ण दास, अरुण चैतन्यपुरी सहित शहर का संत समाज उपस्थित रहा। भक्तों ने भू-समाधि के दौरान महाराज श्री का जयकारा लगाते हुए पुष्पवर्षा की. भक्तों ने बताया कि महाराज श्री ने अपने कार्यकाल में बाबा आनंदेश्वर की खूब सेवा की और मंदिर को पहचान दिलाने में अहम योगदान दिया. उनके योगदान के कारण ही आज मंदिर पूरे भारत में पहचाना जाता है. बाबा आनंदेश्वर मंदिर मंगलवार को भी बंद है. महामंडलेश्वर को भू-समाधि दिये जाने के बाद मंदिर के पट बुधवार को खोले जाएंगे.