ABC News: बाबा आनंदेश्वर मंदिर (परमट) के पूर्व महंत और श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्याम गिरी महाराज ने लंबी बीमारी के बाद देहरादून के अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनको बाबा घाट स्थित आश्रम में मंगलवार को शोभायात्रा के बाद भू-समाधि दी जाएगी.
पुष्पांजलि और समाधि के दौरान जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय पदाधिकारी व संत समाज बड़ी संख्या शोभायात्रा में शामिल होगा. उनके निधन की सूचना मिलते ही परमट मंदिर सहित शहरभर के भक्तों में शोक की लहर दौड़ गई. संत समाज ने उनके लिए श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया. श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा प्रबंध समिति परमट की ओर से पत्र जारी कर उनके निधन की जानकारी दी गई. जूना अखाड़ा की ओर से परमट मंदिर में तैनात मंहत अरुण भारती ने बताया कि परमट मंदिर के पीठाधीश श्री 1008 महामंडलेश्वर श्याम गिरी महाराज को लंबे समय से सांस लेने में दिक्कत थी. जिसका इलाज लंबे समय से शहर और देहरादून के अस्पताल में चल रहा था. उन्होंने रविवार प्रात:काल अंतिम सांस ली. उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा मुख्यालय हरिद्वार में रखा गया. जहां पर 13 अखाड़ों के संतों ने पुष्पाजंलि अर्पित की. अरुण भारती के मुताबिक, सोमवार को पूज्य महाराज का पार्थिव देह आनंदेश्वर महादेव मठ लाया जाएगा. जिसके बाद मंगलवार को शोभायात्रा का आयोजन कर दोपहर तीन बजे बाबा घाट गौशाला में उनको भू-समाधि दी जाएगी. सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय संत उनको भू-समाधि कराएंगे.
शिष्य रामदास ने किया था विवाद : वर्ष 2011 में महंत श्याम गिरी महाराज से शिष्य रामदास से विवाद हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने श्याम गिरी महाराज को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद अखाड़ा ने उनकी महामंडलेश्वर की गद्दी वापस ले ली थी. हालांकि कुछ दिनों के बाद अखाड़ा से उनका समझौता हो गया था. वहीं, वर्ष 2021 में एक बार फिर श्याम गिरी महाराज और जूना अखाड़ा के बीच विवाद की स्थिति बनी थी.