ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) कानपुर में तीन दिन तक चट्टों के खिलाफ हुए एक्शन के बाद अब छह माह के लिए अभियान को स्थगित कर दिया गया है. नगर निगम के प्रमिला सभागार में चट्टा संचालकों के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर मंथन किया. इस बैैठक में महापौर ने साफ कर दिया कि किसी कीमत पर चट्टों से नाली में गोबर नहीं बहाया जाएगा. जो गोबर चट्टों से निकलेगा, उसे नगर निगम उठाएगा, इसके लिए चट्टा संचालकों से बकायदा शुल्क भी लिया जाएगा.
नगर निगम के प्रमिला सभागार में चट्टा संचालकों के साथ हुई बैठक में महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि चट्टों की वजह से सीवर लाइनें जाम हो रही हैं. बार-बार चट्टा संचालकों को समझाया जा चुका है और एक्शन भी लिया गया, लेकिन सुधार का नाम नहीं दिखाई दे रहा है. इस पर चट्टा संचालकों ने कारोबार ठप पड़ने से लेकर दूध की किल्लत होने का भी हवाला दिया. इस पर महापौर ने कहा कि फिलहाल छह महीने के लिए चट्टों के खिलाफ वह अभियान को स्थगित कर रही हैं. बैठक में कहा गया हर जोन के जेडएसओ अपने यहां के चट्टों की लिस्ट बनाएंगे. इसके बाद चट्टों से जो गोबर निकल रहा है, उसे संचालक जेडएसओ को सौंपेंगे. नगर निगम की गाड़ी गोबर को चट्टों से उठाएगी. इसमें 100 क्विंटल गोबर का नगर निगम 1200 रूपया शुल्क लेगा.
इसके अलावा कोई भी चट्टा संचालक अपने यहां के गोवंश को सड़क पर छुट्टा नहीं छोड़ेगा. अगर किसी संचालक का गोवंश सड़क पर छुट्टा घूमते हुए पाया जाता है तो नगर निगम छोड़े गए गोवंश के साथ संबंधित चट्टे की भैंसो को अनिवार्य रूप से जब्त करेगा. महापौर ने कहा कि वह अगले सप्ताह आईआईटी के विशेषज्ञ को भी बुलाएंगी, जिसमें ऐसा उपाय तलाशा जाएगा, जिससे चट्टा संचालक किसी तरह भी गोबर को नाली में न बहा पाएं. इसके अलावा फुटपाथ समेत अन्य किसी सरकारी जगह भी किसी कीमत पर चट्टा नहीं चलने दिया जाएगा.