ABC NEWS: संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के शरीर में छह नहीं, बल्कि आठ गोलियां लगी थीं. यह खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ. डॉक्टरों ने लिखा है कि जीवा के शरीर पर आर-पार गोलियों के 16 निशान (इन्ट्री-इग्जिट प्वाइन्ट) मिले हैं. यानी उसके शरीर में आठ गोलियां लगी थीं. रिपोर्ट में क्रम से एक से 16 बिन्दु तक इसे विस्तार से बताया गया है.
इसकी पुष्टि के बाद ही अब पुलिस अधिकारी यह पता करने में लग गए हैं कि शूटर विजय ने दो असलहों का इस्तेमाल किया अथवा उसके साथ कोई और था, जिसने गोलियां चलाईं. इसके लिए एडीसीपी और एसीपी ने घटनास्थल का फिर से निरीक्षण किया। प्रत्यक्षदर्शियों के भी बयान लिए जा रहे हैं.
कितने राउण्ड हुई फायरिंग
अब इस बात पर माथापच्ची हो रही है कि कुल कितने राउण्ड फायरिंग हुई. आठ गोलियां जीवा को ही लगीं. एक गोली बच्ची को लगी थी और दो गोलियां सिपाहियों को लगीं. इस लिहाज से 11 गोलियां चलीं. अगर यह मान लिया जाए कि एक ही गोली से दोनों सिपाही घायल हुए हैं तो भी 10 राउण्ड फायरिंग हुई. विजय के पास एक रिवाल्वर व छह कारतूस बरामद दिखाए गए हैं. अब सवाल यह कि अन्य चार राउण्ड फायरिंग किस असलहे से हुई. मौके पर जिस तरह से विजय ने गोलियां चलाईं, उससे यह सम्भव नहीं था कि छह राउण्ड फायरिंग करने के बाद वह दोबारा कारतूस भरे.
विजय ने दूसरे असलहे से इनकार किया
पड़ताल के बीच में ही एक अधिकारी ने केजीएमयू में विजय की सुरक्षा में लगे एक सब इंस्पेक्टर को उससे इस बारे में पूछने को कहा. विजय से जब सब इंस्पेक्टर ने पूछा कि उसने दो असलहों का इस्तेमाल किया तो वह मुकर गया. उसके साथ कोई और था, इस पर वह चुप्पी साधे रहा.
हमलावर दो या अधिक थे…
पुलिस अब यह भी दावा कर रही है कि विजय घटना में अकेला नहीं था. उसके साथ कोई और भी कोर्ट के अंदर तक गया था. हमलावरों की संख्या दो से कम नहीं हो सकती है. एक अधिकारी ने यह भी कहा कि पहले कोर्ट गेट पर मौजूद लोगों ने बताया था कि चार हमलावर थे पर इसकी पुष्टि नहीं हुई थी. एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा का कहना है कि कई बिन्दुओं पर जांच की जा रही है. एफआईआर में एक रिवाल्वर से ही फायरिंग का जिक्र है.