ABC NEWS: देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. मथुरा से लेकर बरसाना और वृंदावन को सजाया गया है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की है. किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए मथुरा और वृंदावन को जोन और सेक्टर में बांटा गया है.
अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि 7 सितंबर को जन्माष्टमी उत्सव के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में विस्तृत व्यवस्था की गई है.
#WATCH | Mathura: City decked up ahead of Janmashtami celebration. pic.twitter.com/x7enYGuoEu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 5, 2023
मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र सिंह ने कहा, “सुरक्षा से समझौता किए बिना, भक्तों के लिए आसान दर्शन की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीएम ने श्री कृष्ण जन्मस्थान पर की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और अधिकारियों को कुछ बदलाव करने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि अधिकारियों से एक स्थान पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने से बचने को भी कहा गया है. अधिकारी के मुताबिक, चेन स्नैचिंग और जेब कटने आदि की घटनाओं से बचने के लिए मंदिरों के अंदर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे.
एडीएम विजय शंकर पांडेय ने कहा कि बीते साल बांके बिहारी मंदिर में भीड़भाड़ की वजह से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. ऐसी घटनाओं से बचने के लिए इस बार मंदिर क्षेत्र में एक जोन और 7 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मथुरा को तीन जोन और 17 सेक्टर में बांटा गया है जबकि वृन्दावन को तीन जोन और 16 सेक्टर में बांटा गया है.
मथुरा नगर निगम के कमिश्नर ने कहा कि 7-8 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. हम मथुरा और वृंदावन की सजावट और सौंदर्यीकरण की देखभाल कर रहे हैं. हमने मोबाइल टॉयलेट्स की व्यवस्था की भी है और यह स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 500 कर्मचारी तैनात किए गए हैं.
जेल में बनी है बांके बिहारी की पोशाक
भगवान कृष्ण की पोशाक मथुरा जेल के कैदी ही बनाते रहे हैं. इस बार भी कैदियों ने ही जेल में बांके बिहारी की पोशाक बनाई है. कान्हा को पहनाई जाने वाली पोशाक में जमादार घाघरा यानी लहंगा, पिछवाई यानी इकलाई, ओढ़नी यानी फरिया, नीचे का बिछौना, कमरबंद, चोटिला और श्री जी का लहंगा और पाग शामिल है. इसके अलावा श्रीअंग के गहने आभूषण, मुकुट, टिपारे, मोरपखा और लकुटी बंसी आदि अलग श्रृंगार होते हैं.