ABC News: चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा. ऐसा होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा. सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है. लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है.
Chandrayaan-3 Mission:
All set to initiate the Automatic Landing Sequence (ALS).
Awaiting the arrival of Lander Module (LM) at the designated point, around 17:44 Hrs. IST.Upon receiving the ALS command, the LM activates the throttleable engines for powered descent.
The… pic.twitter.com/x59DskcKUV— ISRO (@isro) August 23, 2023
इस बीच, ISRO ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ऑटोमेटिक लैंडिंग सिस्टम शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. शाम करीब 17:44 बजे निर्धारित प्वाइंट पर लैंडर मॉड्यूल (LM) के पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. लाइव टेलीकास्ट 17:20 से शुरू होगा. चंद्रयान-3 मिशन को लेकर इसरो ने अपने कमांड सेंटर की दो तस्वीरें जारी की हैं. एक्स पर किए गए पोस्ट में इसरो ने बताया कि लैंडर मॉड्यूल की लैंडिंग की प्रक्रिया 17.44 पर शुरू हो जाएगी. सेंटर से कमांड मिलने के बाद लैंडर मॉड्यूल अपने इंजनों को शुरू करेगा और मिशन ऑपरेशन टीम लगातार इसे कमांड भेजेगा. चंद्रयान-3 मिशन पर इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई के बेटे कार्तिकेय साराभाई ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “यह एक बड़ा दिन है. यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि इस ग्रह पर किसी के लिए भी इतनी सटीकता से इसे भेजने के लिए एक शानदार बात है जिसके साथ हम चंद्रयान -3 भेजने में सक्षम हुए हैं और वह भी एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से जो दूसरों से अलग है. विज्ञान और इंजीनियरिंग में, हम गलतियों से सीखते हैं. यह मानवता के लिए बहुत बड़ी बात होगी क्योंकि चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर आज तक कोई नहीं उतर सका है.