ABC NEWS: UP के सुल्तानपुर से हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक रिक्शा चालक पर छत गिरने के बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गया. रिक्शा चालक के सीने में लोहे की सरिया आरपार हो गई. इसके बाद वह खुद रिक्शा चलाकर निजी अस्पताल पहुंच गया. यहां चिकित्सकों ने उसे लखनऊ केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया. केजीएमयू के डॉक्टरों ने रिक्शा चालक की सरिया निकाल कर उसकी जान बचाई है.
सुल्तानपुर के मुन्ने लाल शर्मा एक ई-रिक्शा चालक हैं. वह बीते दिनों टॉयलेट की छत साफ कर रहे थे। सफाई के दौरान अचानक छत ढह गई और वह तकरीबन 10 फीट की ऊंचाई से नीचे आ गिरे. गिरने के कारण छत पर लगी एक लोहे की रॉड दिल और फेफड़ों को चीरती आर- पार निकल गई. बुरी तरह से जख्मी होने के बाद वे खुद ही रिक्शा चलाकर 25 किमी दूर अस्पताल पहुंचे.
शुरुआती इलाज के बाद उन्हें KGMU रेफर कर दिया गया. डॉक्टर्स के सामने इस तरह की सर्जरी करना किसी जटिल परिस्थिति से कम नहीं था. खराब होते हुए हालातों को देखते हुए डॉक्टर्स ने धड़कते दिल के साथ ही सर्जरी करने का फैसला किया. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह सर्जरी सफल रही और व्यक्ति की जान बच गई। डॉक्टर्स के मुताबिक, इस तरह के केस में ऐसी सर्जरी शायद पूरे एशिया में पहली बार हुई है.
रिक्शा चालक का परिवार आर्थिक पक्ष से भी कमज़ोर था, जिस कारण वे 3 लाख की मशीन अफोर्ड नहीं कर सकते थे. KGMU के ट्रामा सर्जरी यूनिट के डॉक्टर वैभव जायसवाल और डॉक्टर यदुवेंद्र धीर ने नया रास्ता निकाला- बीटिंग हार्ट सर्जरी.
इस सर्जरी में कुल चार घंटे लगे. डॉक्टरों ने 75 सेंटीमीटर लंबी रॉड का 45 cm हिस्सा काटा ताकि ईको एक्स-रे कर सकें. धीरे-धीरे रॉड को निकालते हुए दिल और फेफड़े को रिपेयर किया. ऑपरेशन के दौरान मुन्ने लाल को सात यूनिट खून भी चढ़ा.