भारत की कनाडा को लताड़, कहा- भारतीय राजनयिकों को खतरा,बन चुका आतंकी गतिविधियों का केंद्र

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ABC NEWS: खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है. भारत ने एक बार फिर से कहा है कि कनाडा आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बन चुका है. वहां भारतीय दूतावास के कर्मचारी सुरक्षित नहीं हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा, “अगर कोई देश है जिसे अपनी प्रतिष्ठा पर पर ध्यान देने की जरूरत है, तो मुझे लगता है कि यह कनाडा है. आतंकवादियों के लिए, चरमपंथियों के लिए और संगठित अपराध के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कनाडा की प्रतिष्ठा बढ़ी है. मुझे लगता है कि यह एक ऐसा देश है जिसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में चिंता करने की जरूरत है.”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “कनाडा में (आतंकियों को) सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि कनाडाई सरकार ऐसा न करे. उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें न्याय का सामना करने के लिए यहां (भारत) भेजें… हमने या तो प्रत्यर्पण अनुरोध या उससे संबंधित सहायता मांगी है. पिछले कुछ वर्षों में हमने कम से कम 20-25 से अधिक व्यक्तियों को लेकर अनुरोध किया है लेकिन हमें बिल्कुल भी नहीं मिली.”

कनाडा के आरोप राजनीति से प्रेरित
भारत का कहना है कि कनाडा सरकार ने जो भी आरोप लगाए हैं वे राजनीति से प्रेरित हैं. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यहां कुछ हद तक पूर्वाग्रह है. उन्होंने आरोप लगाए और उन पर कार्रवाई की है. हमें ऐसा लगता है कि कनाडा सरकार के ये आरोप मुख्य रूप से राजनीति से प्रेरित हैं.”

इससे पहले, कनाडा ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह भारत में स्थित अपने दूतावास के कर्मचारियों की संख्या कम कर रहा है. इसको लेकर अपनी साप्ताहित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बागची ने कहा, “हां, हमने ही कनाडा सरकार को सूचित किया है कि हमारी पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता होनी चाहिए. उनकी संख्या कनाडा में हमारी तुलना में बहुत अधिक है… मुझे लगता है कि इसमें कनाडा की ओर से कमी होगी.” उन्होंने कहा कि हमने कनाडा को सूचित किया है कि वे भारत में उतने ही कर्मचारी रखें जितने की भारत के कनाडा में हैं.

हमने हमेशा कनाडा को दी अपराधियों की जानकारी- भारत
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि अगर कनाडा के पास कोई खास जानकारी है तो वह हमें दिखाई जाए, लेकिन अभी तक हमें कनाडा से कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है. हमारी ओर से, कनाडाई धरती पर स्थित व्यक्तियों द्वारा आपराधिक गतिविधियों के बारे में विशिष्ट सबूत कनाडा के साथ साझा किए गए हैं लेकिन उन कोई कार्रवाई नहीं की गई.”

बता दें कि कनाडा के नागरिकों के वीजा आवेदनों की प्रारंभिक जांच के लिए भारत द्वारा नियुक्त एक निजी एजेंसी ने ‘‘संचालनात्मक वजहों’’ से अपनी वेबसाइट पर बृहस्पतिवार को सेवाओं के निलंबन से संबंधित नोटिस जारी किया. इसके कुछ घंटों बाद ही इसे हटा लिया लेकिन फिर दोबारा नोटिस लगा दिया. एजेंसी ‘बीएलएल इंटरनेशनल’ ने स्टॉक एक्सचेंज को भी सूचित किया कि उसने कनाडा में भारत की वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

हमारे दूतावासों को कनाडा में खतरा- भारत
कनाडा में वीजा सेवाओं को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “आप इस बात से अवगत हैं कि कनाडा में हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास सुरक्षा खतरों का सामना कर रहे हैं. इससे उनका सामान्य कामकाज बाधित हो गया है. इसी कारण, हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास अस्थायी रूप से (वीजा) प्रोसेस करने में असमर्थ हैं। हम नियमित आधार पर स्थिति की समीक्षा करेंगे.”

बागची ने कहा, “हमने हमेशा माना है कि सुरक्षा प्रदान करना मेजबान सरकार की जिम्मेदारी है. कुछ स्थानों पर हमारी अपनी सुरक्षा व्यवस्था भी है लेकिन, मैं सार्वजनिक तौर पर सुरक्षा उपायों पर चर्चा नहीं करना चाहता. यह उचित स्थिति नहीं है.” विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेते हैं. हम निश्चित रूप से भारत में विदेशी राजनयिकों को सभी सुरक्षा प्रदान करेंगे. हम कनाडा के अधिकारियों से भी उम्मीद करते हैं कि वे कनाडा में हमारे राजनयिकों के प्रति इसी तरह की संवेदनशीलता दिखाएंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “मामला भारत यात्रा का नहीं है. जिनके पास वैध वीजा, ओसीआई हैं वे भारत की यात्रा करने के लिए स्वतंत्र हैं. मुद्दा हिंसा भड़काना, कनाडाई अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न करना और एक ऐसा माहौल बनाना है जो हमारे वाणिज्य दूतावासों के कामकाज को बाधित करता है. यह हमें अस्थायी रूप से वीजा सेवाओं को जारी करने से रोकने के लिए मजबूर कर रहा है. हम नियमित आधार पर इस स्थिति की समीक्षा करेंगे.”

क्या है पूरा विवाद?
भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कूटनीतिक विवाद चल रहा है. इसी साल जून में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या कर दी गी थी. निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद पैदा हुआ. भारत ने मंगलवार को इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया था और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.

भारत ने अपनाया कड़ा रुख 
भारत ने बुधवार को और कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए वहां रह रहे अपने नागरिकों और वहां की यात्रा का विचार कर रहे अपने नागरिकों को “अत्यधिक सावधानी” बरतने का परामर्श जारी किया है. उत्तर अमेरिकी देश में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर पिछले कुछ महीनों से भारत और कनाड़ा के संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत मानता है कि ट्रूडो सरकार उसकी वास्तविक चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रही है.

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