ABC NEWS: जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस में विस्फोट करने वाले आंतंकियों हेलाल और नफीकुल को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) राजेश राय ने दोनों आंतकियों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. दोनों आतंकियों को अदालत ने 22 दिसंबर को दोषी करार दिया था. इससे पहले भी दो अन्य आतंकियों को इसी तरह फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है. कुल सात लोगों को मामले में आरोपी बनाया गया था. एक आतंकी की पहले ही मौत हो चुकी है. दो अन्य आतंकी अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं.
राजगीर बिहार से चलकर नई दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस के जनरल बोगी में 28 जुलाई 2005 की शाम 5:20 बजे सिंगरामऊ व हरिहरपुर स्टेशन के बीच हरपालगंज क्रासिंग पर आतंकवादियों ने बम विस्फोट किया था. विस्फोट में 14 लोगों की मौत व 62 लोग घायल हुए थे। मामले में 28 जुलाई 2005 की रात 11:30 बजे ट्रेन के गार्ड जाफर अली ने जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने जांच शुरू की.
जांच के दौरान ओबैदुर्रहमान उर्फ बाबू भाई निवासी कलियानी जिला बगुरा बांग्लादेश, मो. आलमगीर उर्फ रोनी, नफीकुल विश्वास, सोहाग उर्फ हेलाल, शरीफ उर्फ कंचन उर्फ सैफुद्दीन, गुलाम पाजदानी उर्फ याहया व डॉ. सईद का नाम प्रकाश में आया. इसमें डॉ. सईद की मौत हो चुकी है और दो आरोपी पकड़ में नहीं आए.
रोनी ऊर्फ आलमगीर व ओबैदुर्रहमान उर्फ बाबू भाई को कोर्ट 2016 में फांसी की सजा सुना चुकी है. 22 दिसंबर को हेलाल व नफीकुल विश्वास को दोषी करार दिया दिया गया था. सजा पर सुनवाई के लिए दो जनवरी की तिथि तय की गई. दो जनवरी सजा पर सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था.