ABC NEWS: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जहां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को पेश होने का समन जारी किया है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी की है. वैभव गहलोत को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम में कथित अनियमितताओं के मामले में पूछताछ के लिए 27 अक्टूबर को तलब किया गया है. वहीं डोटासरा के यहां ईडी छापेमारी पेपर लीक मामले में हो रही है. खबर के मुताबिक, जयपुर के साथ-साथ यह छापेमारी सीकर में भी रही है. ईडी की छापेमारी पर कांग्रेस नेता आरसी चौधरी ने कहा कि बीजेपी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है.
सीएम गहलोत ने केंद्र पर साधा निशाना
सीएम गहलोत ने इस छापेमारी को लेकर सीएम गहलोत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘दिनांक 25/10/23. राजस्थान की महिलाओं के लिए कांग्रेस की गारंटियां लॉंच की.दिनांक 26/10/23 को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह जी डोटासरा के यहाँ ED की रेड, मेरे बेटे वैभव गहलोत को ED में हाज़िर होने का समन. अब आप समझ सकते हैं, जो मैं कहता आ रहा हूँ कि राजस्थान के अंदर ED की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके.’
अशोक गहलोत के बेटे के खिलाफ शिकायत
मामला ईडी की जांच के दायरे में तब आया जब जयपुर के दो निवासियों ने 2015 में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि वैभव गहलोत ने मॉरीशस स्थित ‘शिवनार होल्डिंग्स’ नाम की कंपनी से अवैध धन को ठिकाने लगाया था. इस कंपनी पर एक शेल कंपनी होने का संदेह है.
शिकायत के अनुसार, 2011 में होटल के 2,500 शेयर खरीदकर मॉरीशस स्थित फर्म से ट्राइटन होटल्स को फंड डायवर्ट किया गया था. उक्त शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे गए थे जबकि मूल शेयर की कीमत प्रत्येक शेयर के लिए केवल 100 रुपये थी. शिकायतकर्ताओं ने कहा कि शिवनार होल्डिंग्स 2006 में बनाई गई थी और इसका उद्देश्य केवल काले धन को ठिकाने लगाना था.
शिकायत में कहा गया है कि ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को 15 मार्च 2007 को वैभव गहलोत के करीबी रतन कांत शर्मा द्वारा पंजीकृत किया गया था. सूत्रों के अनुसार, ईडी ने अपनी जांच में पाया कि ट्राइटन होटल्स ने फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड से भारी प्रीमियम पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया. जांच में आगे पता चला कि ट्राइटन समूह सीमा पार हवाला लेनदेन में शामिल रहा है.
बडे़े नेताओं में होती है डोटासरा की गिनती
वहीं जिस गोविंद सिंह डोटासरा के वहां आज ईडी की रेड हो रही हैं, उनकी गिनती प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेताओं में होती है. वह गहलोत कैबिनेट में प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे हैं. लक्ष्मणगढ़ सीट से गोविंद सिंह डोटासरा तीन बार से चुनाव जीत रहे हैं. पहला चुनाव गोविंद सिंह डोटासरा ने केवल 34 वोटों से जीता था. 2013 में राजस्थान में वसुंधरा राजे की अगुवाई में बीजेपी सरकार बनी. इस दौरान गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा में कई अहम मुद्दे उठाए.
लक्ष्मणगढ़ सीट से हैं विधायक
2018 के चुनाव में गोविंद सिंह डोटासरा ने लगातार तीसरी बार लक्ष्मणगढ़ सीट से जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को 22 हजार से अधिक वोटों से हराया. 55 वर्षीय गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2005 में सीकर जिले के समिति ग्राम पंचायत में बतौर प्रधान चुने जाने से की थी. इसके बाद वह 2008 में विधानसभा का चुनाव लड़े और 34 वोटों से जीते थे. 2013 में गोविंद सिंह डोटासरा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तीन बार सांसद रहे सुभाष महरिया को 10 हजार 723 वोटों से हराया था.
CM के OSD ने जारी किया बयान
ईडी की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि राजस्थान में होने जा रहे चुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देखकर BJP बौखलाई हुई है. बीजेपी के पास मुद्दे नहीं हैं, इसलिए कांग्रेस पार्टी पर दबाव बनाने के षड्यंत्र के तौर पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के यहां ED का एक्शन दुर्भाग्यपूर्ण है.
उन्होंने आगे कहा कि जनता देख रही है कि देशभर में बीजेपी विपक्ष के नेताओं पर आक्रमण करती है, केस करती है. केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है, एक तरफ तानाशाही हुकूमत है तो दूसरी तरफ लोकतंत्र और संविधान में पूर्ण आस्था लिए सच्चाई की ताकत. संघर्ष जारी है, जारी रहेगा, हम लड़ेंगे, हम जीतेंगे. BJP का कोई भी दबाव और टारगेटेड एक्शन राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होने से नहीं नहीं रोक पाएगा.