ABC News: उन्नाव के बांगरमऊ के निजी स्कूल के गेट पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम उस समय दम तोड़ता नजर आया जब परीक्षा से बाहर किए जाने पर छात्र-छात्राएं फूट फूटकर रोते नजर आए. किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित न करने का नियम होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने फीस जमा न होने पर गेट से बाहर किया तो छात्र-छात्राएं फूट-फूटकर रोते रहे. उनकी पीड़ा देखने वालों भी अपने आंसू नहीं रोक पाए. कुछ लोगों ने उनका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म ट्वीटर, वाट़्सएप और फेसबुक पर वायरल करके शिक्षा का मंदिर कहेज जाने वाले स्कूलों की हकीकत खोल दी.
बांगरमऊ क्षेत्र के कस्बा टोला में संचालित बाल विद्या मंदिर में पढ़ने वाले करीब एक दर्जन छात्र-छात्राओं की बीते सितंबर माह का शिक्षण शुल्क नहीं जमा हो सका. छात्र-छात्राओं ने बताया कि मौजूदा समय विद्यालय में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं. प्रबंध तंत्र ने फीस अदा न करने वाले छात्र-छात्राओं पर दबाव बनाने के लिए उन्हें कक्षा ही नहीं बल्कि विद्यालय के गेट के बाहर का रास्ता दिखा दिया. विद्यालय गेट के बाहर बच्चे खड़े-खड़े घंटों रोते रहे लेकिन प्रबंधन का दिल नहीं पसीजा. बच्चों को सुबकते देखने वाले भी अपने आंसू नहीं रोक सके. कुछ लोगों ने उनका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया के ट्वीटर और वाट्सएप पर वायरल करके शिक्षा का अधिकार अधिनियम की हकीकत का आइना दिखाया. वीडियो में एक छात्रा रोते हुए कह रही है- हम लोगों की फीस नहीं जमा थी, दो दिन हुए स्कूल में फीस मांग रहे हैं अभी जमा नहीं हुई है, पापा से घर पर कहा था, पापा आज आते, पेपर नहीं दिलाया हम लोगों को खड़ा रखा है पूरा दिन… कहते हुए फफक फफक रोने लगी. बाद में सभी बच्चे रोते हुए वापस अपने घर चले गए. अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय प्रबंध तंत्र के विरुद्ध जिला प्रशासन से शिकायत की है. एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने बताया कि मामला संज्ञान में है. मामले की जांच कराई जा रही है. विद्यालय मैनेजर शिवकुमार कटियार का कहना है कि बच्चों की फीस नही जमा थी, इसलिए बाहर खड़ा किया गया था. थोड़ी देर बाद उन्हें वापस क्लास में बिठा दिया गया था, सोमवार का छूटा पेपर मंगलवार को कराया जा रहा है.