सोनिया गांधी से नहीं मिलूंगा, तो क्या नड्डा से मिलूंगा अध्यक्ष बनने की अटकलों पर गहलोत बोले

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ABC NEWS: कांग्रेस पार्टी को अगले महीने की 20 तारीख से पहले नया अध्यक्ष चुनना है. इस डेडलाइन के नजदीक आने के साथ ही चर्चांए तेज हो गईं हैं कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की कमान अब किसके हाथ आएगी. एक तरफ राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष बनना नहीं चाहते, वहीं उन्होंने घोषणा की थी कि अगला अध्यक्ष नेहरू-गांधी परिवार से नहीं होगा. ऐसे में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के भी अध्यक्ष बनने की संभावना कम है. इस बीच चर्चा है कि पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत से पार्टी की कमान संभालने का आग्रह किया है. ऐसे में सोनिया गांधी से अपनी मुलाकात और अध्यक्ष बनने की इन अटकलों पर अशोक गहलोत ने आजतक से खास बातचीत की है.

सोनिया जी से नहीं, तो क्या नड्डा से मिलूंगा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब सोनिया गांधी से मुलाकात और कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के आग्रह को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा- मेरी तो मुलाकात उनसे होती रहती है. थोड़ी देर पहले भी हुई. अब उनसे मुलाकात नहीं होगी, तो किससे होगी, नड्डा (बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा) से होगी.

अध्यक्ष पद संभालने की बात पर अशोक गहलोत बोले- ये काफी समय से मीडिया वालों ने फैला रखा है. अगर सोनिया गांधी ने मीडिया वालों से कहा हो तो अलग बात है. 28 अगस्त को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक है. उसी दिन तय होगा कि चुनाव अभी होना है कि बाद में कराया जाए.

जब उनसे कहा गया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने की बात से इनकार क्यों नहीं कर देते, तो उन्होंने कहा कि हम सोनिया गांधी से कई पहलुओं पर चर्चा करते रहते हैं. चुनाव के बारे में भी, राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने के बारे में ओर जो लोकतंत्र की हत्या हो रही है उस पर भी हमारी चर्चा होती है. मीडिया वाले मना कर दें कि सोनिया गांधी ने उनसे कुछ नहीं कहा. सोनिया गांधी से तो हमारी गुजरात को लेकर भी चर्चा हुई, उस बारे में आप पूछ ही नहीं रही हैं.

उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं. अगर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाएं उनके प्रति अच्छी हैं, तो यह तो अच्छी ही बात है. पार्टी ने उन्हें जो भी काम दिया है, चाहे वो केन्द्रीय मंत्री का हो, प्रदेश अध्यक्ष का हो या फिर महामंत्री बनने का, पार्टी आगे मुझे जो भी काम देगी, वह वो करते रहेंगे.

‘बिहार में जीतना ही था महागठबंधन को’

अशोक गहलोत ने बिहार में महागठबंधन के विश्वासमत जीतने की बात पर कहा कि महागठबंधन के पास आंकड़े थे, उनको तो जीतना ही था. गौरतलब है कि नीतीश कुमार और आरजेडी की महागठबंधन सरकार मे कांग्रेस भी एक घटक दलों में से एक है.

ED, CBI के दुरुपयोग पर बोले गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) के दुरुपयोग पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि आजकल राजनीतिक बाते करना ठीक नहीं है. सरकारें गिराने का दौर चल रहा है. ED, CBI की कार्रवाई की हर तरफ चर्चा है. आज के इस प्रोग्राम पर भी नजर होगी कि अशोक गहलोत के प्रोग्राम कौन-कौन गया है? लेकिन डरने की बात नहीं है.

ये बात अशोक गहलोत राजस्थान में 7-8 अक्टूबर को होने जा रही इन्वेस्टर्स मीट से जुड़े एक कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि राजस्थान में सोलर प्लांट से तस्वीर बदल गयी है. राजस्थान में सोलर और विंड पावर में क्रांति होने जा रही है. राजस्थान में सामाजिक, अर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहा है.

कार्यक्रम से अलग इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- वह मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) से आग्रह करना चाहते हैं कि अब उनको हस्तक्षेप करना चाहिए. इसका टाइम आ गया है. लोगों में आक्रोश बहुत भयंकर है और यह उनको बहुत दुख देगा. अब एजेंसियां भी सोच रही हैं कि उनकी बहुत बदनामी हो रही है. यह उनको समझना पड़ेगा और सरकार को समझना पड़ेगा कि एजेंसी को कौन डायरेक्शन दे रहा है. क्या मोदी खुद दे रहे हैं?

अलग-अलग प्रदेश में एजेंसियों को भेजा जा रहा है. राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश और बंगाल में एजेंसी को भेज रहे हैं. राजस्थान भी आ गई थीं. मुख्यमंत्रियों पर, मिलने-जुलने वालों पर सरकार गिराने के लिए छापेमारी हो रही है. ये सरकार के इंटरेस्ट में नहीं है.

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