अखिलेश के खिलाफ ही लड़ूंगा लोकसभा चुनाव, जमाली की एंट्री के बाद निरहुआ ने भरी हुंकार

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ABC NEWS: आजमगढ़ के भाजपा सांसद दिनेश लाल निरहुआ ने बुधवार को ऐलान किया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ ही चुनाव लड़ेंगे. निरहुआ ने कहा कि जहां से भी अखिलेश लड़ेंगे वह भी वहां से उतरने के लिए पार्टी से आग्रह करेंगे. निरहुआ की यह हुंकार ऐसा समय आई है जब बुधवार को ही आजमगढ़ के कद्दावर नेता और पिछले चुनाव में बसपा के प्रत्याशी रहे गुड्डू जमाली ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली. जमाली की ज्वाइनिंग के बाद अखिलेश यादव ने साफ किया कि पिछली बार जमाली खुद आए थे लेकिन बात नहीं बनी थी। इस बार उन्होंने खुद बुलाया है.

ऐसे में माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी इस बार आजमगढ़ से गुड्डू जमाली को आजमा सकती है. निरहुआ ने 2019 में अखिलेश यादव के खिलाफ बतौर भाजपा प्रत्याशी ताल ठोकी थी लेकिन हार गए थे. अखिलेश के 2022 में विधानसभा का सदस्य चुने जाने के बाद यहां हुए उपचुनाव में निरहुआ दोबारा उतरे और सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हराकर सांसद बने थे.

आजमगढ़ में रोडवेज स्थित मेदांता ग्रुप के कलेक्शन लैब सेंटर का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में निरहुआ ने कहा कि अखिलेश जिस संसदीय क्षेत्र से खड़े होंगे, मैं भी वहीं से चुनाव लड़ूंगा. इसके लिए मैं भारतीय जनता पार्टी की संगठन की इकाई से आग्रह भी करूंगा.

उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अब उन्हें इस बात की जिद है अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के जिस भी संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे वहां से दिनेश लाल यादव निरहुआ भी भारतीय जनता पार्टी के आदेश पर चुनाव लड़ेंगे.

आजमगढ़ के सांसद ने कहा कि समाजवादी पार्टी की विधायकों के टूटने का सिलसिला जिस तरीके से चल रहा है उससे साफ जाहिर है कि वह लोग समाजवादी पार्टी की नीतियों और विचारधारा से ऊब चुके हैं. अखिलेश यादव ने केवल राष्ट्र का विरोध और मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने का मन बना लिया है. उनको राम मंदिर और राष्ट्रीय स्वाभिमान से कुछ भी लेना-देना नहीं रह गया है. इसीलिए अब उनकी समाजवादी पार्टी धीरे-धीरे समाप्तवादी पार्टी की तरफ रुख कर रही है.

आजमगढ़ में जमाली की रही है मजबूत पकड़ 
आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से दो बार बसपा विधायक रह चुके जमाली आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार का सबब बने थे. जब मुलायम सिंह यादव 2014 का लोकसभा चुनाव लड़े तो बसपा के टिकट पर शाह आलम ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। ऐन वक्त पर शिवपाल यादव ने आजमगढ़ में मोर्चा संभाल कर सपा की विजय सुनिश्चित की। इस लोकसभा चुनाव में  जमाली को 2.66 लाख से ज्यादा वोट मिले थे.

2019 में सपा-बसपा का गठबंधन हुआ और अखिलेश यादव ने निरहुआ को हराकर आसानी से सीट जीत ली थी. अखिलेश के इस्तीफे पर 2022 में हुए उपचुनाव में सपा ने धर्मेंद्र यादव को लड़ाया तो फिर गुड्डू जमाली बसपा के टिकट पर लड़े वह खुद तो नहीं जीते, लेकिन सपा की अभी तक एकतरफा हो रही जीत को हार में बदलने में मदद कर दी थी. भाजपा के निरहुआ केवल आठ हजार मतों से ही जीत सके थे। जबकि जमाली को 2,66,210 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे। निरहुआ को 3,12,786 और सपा के धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट मिले थे.

सपा ने अभी तक आजमगढ़ सीट पर कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. धर्मेंद्र यादव को इस सीट और कन्नौज सीट का प्रभारी बनाया है. माना जा रहा है कि शाह आलम के आने से सपा का पीडीए मजबूत होगा और अखिलेश यादव के लिए यह सीट आसान हो जाएगी.

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