ABC NEWS: जी20 शिखर सम्मेल में भाग लेने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अपनी पत्नी के साथ तीन दिवसीय भारत यात्रा पर है. सम्मेलन के आखिरी दिन यानी कल 10 सितंबर को दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर जाएंगे. वह अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ भगवान स्वामिनारायण के दर्शन करेंगे. हालांकि, मंदिर के पदाधिकारी ने अभी समय की पुष्टि नहीं की है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए दिल्ली के शांगरी ला होटल में ठहरने का इंतजाम किया गया है. उनके दर्शन को लेकर अक्षरधाम मंदिर के परिसर में आज से ही सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और उनका पत्नी का स्वागत किया. पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार सुनक भारत के दौरे पर हैं. जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने अलावा ऋषि सुनक रविवार दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर भी जाएंगे. इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने खुद को ‘गर्वित हिंदू’ बताया और यहां अपने प्रवास के दौरान एक मंदिर के दर्शन करने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं और इसी तरह मेरा पालन-पोषण हुआ. मैं ऐसा ही हूं. उम्मीद है, अगले कुछ दिनों तक यहां रहने के दौरान मैं किसी मंदिर के दर्शन कर सकूंगा.
बता दें कि सुनक दिल्ली में शुक्रवार को यहां पहुंचे थे. शिखर सम्मेलन के पहले सत्र के बाद दोनों नेताओं ने यह बैठक की। इससे पहले सुनक ने कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर नमस्कार की मुद्रा में मोदी का अभिवादन किया. मोदी ने बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात करना शानदार रहा. हमने कारोबारी संबंधों को मजबूत करने तथा निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की.’ उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन समृद्ध एवं टिकाऊ धरती के लिए काम करना जारी रखेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर अपने जापानी समकक्ष फुमिओ किशिदा के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कुछ समय पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह मोरारी बापू की कथा में जय सियाराम कहते नजर आए थे. उस दौरान मोरारी बापू से ऋषि सुनक ने कहा था कि मैं एक ब्रिटिश पीएम नहीं, एक हिंदू के नाते आया हूं. दिल्ली पहुंचने से पहले ऋषि सुनक ने कहा कि वह स्पष्ट फोकस के साथ जी20 शिखर सम्मेलन में जा रहे हैं, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करना, अंतरराष्ट्रीय संबंध बनाना और सबसे कमजोर लोगों का समर्थन करना शामिल है.