ABC News: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर मंगलवार की दोपहर अदालत में सुनवाई हुई. सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में उन्होंने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के नियमित दर्शन-पूजन भोग-आरती की मांग की थी.
#GyanvapiCase | There was a hearing in the Varanasi fast-track court today… will now be done on October 6, after the Muslim side requested the same: Advocate Shivam Gaur of the Hindu side pic.twitter.com/O1ptUHYQXZ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 13, 2022
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पूर्व में भी धरना प्रदर्शन कर वजूखाने में मिले शिवलिंग के नियमित पूजन अर्चन की मांग कर चुके हैं. हालांकि, जिला प्रशासन के अनुरोध पर उन्होंने धरना खत्म कर अदालत का रुख किया था. अब इसी मामले में मंगलवार को सुनवाई अदालत में हुई. वहीं वादी किरन सिंह के एक वाद में ज्ञानवापी परिसर को लेकर मुकदमा नंबर 712/2022 भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में अदालत ने मुस्लिम पक्ष को कड़ी फटकार लगाई है. सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में उपरोक्त मुकदमे में मंगलवार की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपने अधिवक्ता के बीमार होने की जानकारी दी. बीमारी की वजह से न्यायालय से जवाब फाइल करने के लिए दोबारा समय मांगा. जिस पर न्यायालय ने फटकार लगाते हुए उन्हें छह अक्टूबर तक का समय दे दिया. वहीं न्यायालय ने अंतिम चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि छह अक्टूबर से उपरोक्त केस में प्रतिदिन सुनवाई प्रारंभ की जाएगी. यदि छह अक्टूबर तक मुस्लिम पक्ष ने अपना जवाब फाइल नहीं किया तो उनका अवसर समाप्त करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. एक दिन पूर्व ही सोमवार को अदालत ने वाद को सुनवाई के योग्य पाते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को दरकिनार कर मामले की सुनवाई जारी रखने पर फैसला हिंदू पक्ष को दिया है. अब ठीक दूसरे दिन वजूखाने में मिले शिवलिंग के दर्शन पूजन और अर्चन सहित भोग को लेकर वाद पर सुनवाई होने जा रही है.