ABC NEWS: गुजरात के मोरबी का मशहूर ‘झूलता पुल’ रविवार को ढह गया. आंकड़े बताते हैं कि हादसे के वक्त करीब 500 लोग इसपर सवार थे. अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, सवाल उठ रहा है कि 7 महीनें पहले रिनोवेशन के लिए बंद हुए पुल को बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट के क्यों खोला गया? हालांकि, खबर है कि कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज कर की गई है.
मार्च 2022 में मोरबी की ओरेवा ग्रुप (अजंता मेन्युफेक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड) को पुल के रखरखाव का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने कहा, ‘पुल मोरबी नगरपालिका की संपत्ति है, लेकिन हमने 15 सालों तक रखरखाव और संचालन के लिए इसे कुछ महीनों पहले ओरेवा ग्रुप को सौंपा था. हालांकि, निजी कंपनी ने हमें जानकारी दिए पुल आने वालों के लिए खोल दिया था. इसके चलते हम पुल का सेफ्टी ऑडिट नहीं करा सके.’
उन्होंने बताया, ‘रिनोवेशन के काम के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया था लेकिन स्थानीय नगरपालिका ने अब तक कोई फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया था.’ मच्छु नदी पर इस पुल का निर्माण 19वीं सदी में किया गया था। घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 6-6 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है.
क्या कमाई बनी वजह?
पुल की यात्रा के लिए आने वाले लोग टिकट खरीद रहे थे. अब आशंकाएं जताई जा रही हैं कि ज्यादा कमाई के लालच में क्षमता से ज्यादा लोगों को पुल पर जाने दिया गया. हादसे में घायल हुए धीरज बाबूभाई सोलंकी अपने दो भतीजों को गंवा चुके हैं. उन्होंने जानकारी दी कि वह पुल के बीच में थे और पुल अचानक बैठ गया. सोलंकी ने बताया कि पुल भरा हुआ था. टिकट को लेकर जानकारी दी कि उन्होंने खुद के लिए 70 रुपये और बच्चों के लिए 12 रुपये का टिकट खरीदा था। वह बचावकार्य करने वालों का लगातार धन्यवाद कर रहे हैं.