ABC News: महाशिवरात्रि (18 फरवरी) पर ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख घोषित कर दी गई है. केदारनाथ गौरीकुंड से करीब 16 किमी दूरी पर रुद्रप्रयाग जिले में है. केदारनाथ मंदिर 25 अप्रैल की सुबह 6.20 बजे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. इसके बाद 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट सुबह 7.10 बजे खोले जाएंगे.
श्री बद्री-केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ के मुताबिक, ओंकारेश्वरम मंदिर में 20 अप्रैल को भैरवनाथ जी की पूजा होगी. इसके बाद 21 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली की यात्रा केदारनाथ के लिए शुरू होगी. इस दिन भगवान की डोली गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी. 22 अप्रैल को फाटा, 23 अप्रैल को गौरीकुंड, 24 अप्रैल को डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी. अगले दिन भगवान का मंदिर खोला जाएगा. 27 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और हर साल अक्षय तृतीया पर गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खोले जाते हैं. इस साल अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है. चैत्र माह में श्री गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर समितियों की ओर से इन दोनों मंदिरों के कपाट खोलने की तारीख घोषित की जाएगी.
ठंड के दिनों में बंद रहते हैं उत्तराखंड के चारधाम मंदिर
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर शीतकाल में भक्तों के लिए बंद रहते हैं, क्योंकि यहां ठंडक काफी अधिक बढ़ जाती है, बर्फबारी होती है, मौसम इंसानों के लिए प्रतिकूल हो जाता है. हर साल गर्मी के दिनों में इन चारों मंदिरों कपाट भक्तों के लिए खोले जाते हैं और शीत ऋतु की शुरुआत तक खुले रहते हैं.
केदारनाथ धाम से जुड़ी खास बातें
– केदारनाथ धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से पांचवां और उत्तराखंड के 4 धामों में तीसरा है. मान्यता है कि यहां शिव जी ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे.
– आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. केदारनाथ 3,581 वर्ग मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
स्कंद पुराण के अनुसार, गढ़वाल को केदारखंड कहा गया है. बद्रीनाथ मंदिर के बारे में भी स्कंद पुराण और विष्णु पुराण में वर्णन मिलता है.