ABC News: मुख्यमंत्री की पर्यटन विकास की कोशिशों और यूपी के औद्योगिक माहौल से प्रभावित जापान के प्रसिद्ध होटल समूह होटल मैनेजमेंट इंटरनेशनल कम्पनी लिमिटेड (एचएमआई) यूपी में 30 नए होटल स्थापित करने जा रही है. लखनऊ में चल रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन जापानी कंपनी ने प्रदेश सरकार के साथ इस संबंध में ₹7200 करोड़ के निवेश का समझौता किया.
जापान के प्रमुख शहरों में 60 से अधिक होटल संचालित कर रहे एचएमआई ग्रुप के निदेशक, पब्लिक रिलेशन टाकामोटो योकोयामा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं को जमीन पर उतारने के प्रयासों से होटल इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं बनी हैं. वाराणसी में श्रीकाशीविश्वनाथ धाम कॉरीडोर के विकास के बाद वहां बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. यह हमारे लिए अनुकूल अवसर है. यूपी की औद्योगिक नीतियां एचएमआई समूह को प्रोत्साहित करने वाली हैं. ऐसे में एचएमआई समूह आगरा, वाराणसी और अयोध्या सहित 30 प्रमुख स्थानों पर अपने होटल चेन का विस्तार करेगी. इससे यहां के 10 हजार से अधिक लोगों के लिए नौकरी के प्रत्यक्ष मौके भी बनेंगे. इससे पहले, दधीचि सभागार में ‘उत्तर प्रदेश में जापान और भारत के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का क्रियान्वयन’ विषयक महत्वपूर्ण सत्र में विदेश मंत्रालय, भारत सरकार में सलाहकार (जापान) प्रो. अशोक चावला ने वर्ष 2000 से 2014 और 2014 से 2022 के अलग-अलग कालखंड में भारत और जापान के राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों की तुलनात्मक चर्चा की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भारत दौरा हुआ तो 2016 में प्रधानमंत्री मोदी जापान गए. 2017 में शिंजो आबे अहमदाबाद आए और हाईस्पीड रेल के बारे में कार्ययोजना बनी तो 2018 में प्रधानमंत्री मोदी पुनः जापान गए. लगातार होने वाले इन शीर्ष नेताओं के दौरे से दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास पैदा हुआ है, जिसका सकारात्मक असर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों पर भी देखने को मिला है. स्वास्थ्य, ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, होटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेक्सटाइल, स्टील, रियल एस्टेट, लेदर आदि सेक्टर में निवेश में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है. ग्रेटर उत्तर प्रदेश भी इससे लाभान्वित हो रहा है. ग्रेटर नोएडा में जापान इंडस्ट्रियल टाउनशिप का विकास हो रहा है. यूपी जीआईएस के मौके पर आए जापानी दल का स्वागत करते हुए उन्होंने जापानी उद्योग जगत को उत्तर प्रदेश अनुकूल माहौल मिलने का भरोसा भी दिया, साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को जापान सरकार अथवा जापानी व्यापारिक समुदाय से संपर्क-संवाद में विदेश मंत्रालय की ओर से हर सम्भव सहयोग के लिए आश्वस्त भी किया. यामानाशी हाइड्रोजन कंपनी के चेयरपर्सन यामानाशी शिमिज़ू ने भारत और जापान के प्राचीन लोकतांत्रिक मूल्यों के हवाले से दोनों देशों के मजबूत बीच सांस्कृतिक संबंधों को रेखांकित किया. वहीं दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने में अपनी कंपनी की ओर से प्रतिबद्धता भी जताई. बता दें कि पिछले 5 वर्षों में उत्तर प्रदेश से जापान को निर्यात 2.7 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा है. उत्तर प्रदेश ने 2021 में जापान को कुल 122 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया. वर्ष 2020 में कोविड प्रभाव के बाद, वर्ष 2021 में यूपी से जापान को निर्यात में लगभग 86 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो भविष्य में विकास की उच्च संभावना का संकेत देता है. पिछले 3 वर्षों के दौरान 12 चुनिंदा क्षेत्रों ने जापान को यूपी के निर्यात में लगभग 82 प्रतिशत का योगदान दिया. इनमें मशीनरी व उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल ऑर्गेनिक केमिकल, ऑटो कंपोनेंट, अपैरल, चमड़े के सामान और जूते-चप्पल, कॉरपेट, लोहे और स्टील आर्टिकल्स आदि प्रमुख हैं.