मुफ्त का कार्ड, कोई फीस नहीं, फिर कैसे करोड़ों कमाती है Credit Card कंपनियां

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ABC News :  ( ट्विंकल यादव )  आप में से बहुत सारे लोगों के पास क्रेडिट कार्ड (Credit Card) होगा और जिनके पास नहीं है वह जरूर ये सोच रहे होंगे कि जल्द से जल्द क्रेडिट कार्ड लिया जाए. आपको आए दिन किसी न किसी बैंक की तरफ से क्रेडिट कार्ड लेने के लिए फोन भी आता ही होगा. जब एजेंट लोगों को क्रेडिट कार्ड देने के लिए फोन करते हैं तो वह उसके तमाम फायदे बताते हैं. कुछ तो ये भी बताते हैं कि कार्ड बिल्कुल मुफ्त में दिया जा रहा है, जिस पर आप जितने पैसे खर्च करेंगे, उतने रिवॉर्ड प्वाइंट मिलेंगे. कई बैंक तो अपने क्रेडिट कार्ड पर एनुअल चार्ज तक नहीं लेते हैं. यानी मुफ्त का कार्ड मिल रहा है, जिस पर कोई फीस भी नहीं लग रही है, ऊपर से बैंक रिवॉर्ड प्वाइंट्स भी दे रहे हैं, जिनसे भी ग्राहकों को फायदा हो रहा है. कुछ प्रीमियम कार्ड पर तो एयरपोर्ट पर लाउंज एक्सेस भी दिया जाता है. अब सवाल ये उठता है कि जब क्रेडिट कार्ड कंपनियां सब कुछ मुफ्त में ही दे रही हैं तो उनकी कमाई कैसे होती है?

ब्याज और पेनाल्टी से होती है मोटी कमाई
क्रेडिट कार्ड कंपनियों की सबसे ज्यादा कमाई ब्याज और पेनाल्टी से होती है. कई लोग समय पर अपने क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुका पाते हैं, जिससे उस पर ब्याज और पेनाल्टी लगाई जाती है. बता दें कि क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले ब्याज की दर मामूली नहीं होती है. कई बार आपको 30 से लेकर 50 फीसदी तक ब्याज चुकाना पड़ सकता है. इसके अलावा जो लोग क्रेडिट कार्ड ईएमआई पर शॉपिंग करते हैं, उनसे भी कंपनी ब्याज वसूल करती है. हालांकि, ईएमआई पर शॉपिंग करने पर उसकी ब्याज दरें 10-20 फीसदी के बीच ही रहती हैं.

इंटरचेंज फीस से भी होती है कमाई
क्रेडिट कार्ड कंपनियों की कमाई का दूसरा तरीका है इंटरचेंज इनकम. जब भी कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करता है तो मर्चेंट पर एक मर्चेंड डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर फीस लगाई जाती है. यह फीस ट्रांजेक्शन वैल्यू की 1-3 फीसदी के बीच होती है. एमडीआर फीस को कई पार्टियों के बीच बांटा जाता है, जिनमें पेमेंट ईकोसिस्टम, कार्ड ट्रांजेक्शन प्रोसेस करने वाला बैंक और कार्ड नेटवर्क शामिल होते हैं. इसमें कार्ड जारी करने वाली कंपनी की तरफ से एक इंटरचेंज फीस लगाई जाती है तो कुल एमडीआर का सबसे बड़ा हिस्सा होती है.

कमाई के अन्य तरीके
तमाम क्रेडिट कार्ड कंपनियां और भी कई तरीकों से पैसे कमाती हैं. ये कंपनियां बैलेंस ट्रांसफर फीस, लेट पेमेंट फीस, कैश एडवांस फीस, फॉरेन ट्रांजेक्शन फीस और कुछ अन्य चार्ज भी लगाती हैं.

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