ABC News: तीन दिनों से लगातार जारी भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपाया है. राज्य में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू नादौन से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए वर्चुअल माध्यम से जुड़े और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि प्रकृति के प्रकोप से 17 लोगों की जान चली गई है. इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों, बिजली ट्रांसफार्मरों और कई जल आपूर्ति योजनाओं को व्यापक क्षति पहुंची है, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार प्रदेश में 3,000 से लेकर 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने नुकसान का सही आकलन करने के लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता वाली समिति को शीघ्र बैठक बुलाने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी उपायुक्तों को अगले 10 दिनों तक सतर्क रहने और प्रभावित व्यक्तियों को हर संभव सहायता प्रदान करने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने भूस्खलन और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस स्थिति से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित बचाव अभियान शुरू किया गया और समय रहते कार्रवाई करके कई कीमती जिंदगियां बचाई गई हैं. अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन स्थल मनाली में फंसे 20 लोगों को बचा लिया गया है लेकिन अभी भी अलग-अलग हिस्सों में लगभग 300 लोग फंसे हुए हैं.अधिकारियों ने बताया कि यूनेस्को धरोहर स्थल शिमला-कालका रेल मार्ग पर भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर पटरियां अवरुद्ध हो गयीं जिसके चलते रेल परिचालन मंगलवार तक निलंबित कर दिया गया है. वहीं, राज्यभर में शैक्षणिक संस्थानों को सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है.