ABC NEWS: पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर जानलेवा हमले के मामले में शनिवार को वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट के प्रभारी अवनीश गौतम की अदालत में गोसाईगंज के पूर्व विधायक अभय सिंह पेश हुए. इस दौरान कोर्ट परिसर में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे. एक अन्य आरोपित विनोद सिंह के हाजिर न होने पर कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. इस मामले में सुनवाई अंतिम दौर में है। आरोपितों का बयान होना था. आरोपित विनोद सिंह की ओर से हाजिरी माफी आने के बाद अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय की गई. उक्त तारीख पर सभी आरोपितों को कोर्ट में मौजूद रहने के आदेश दिया है.
घटना चार अक्तूबर 2002 की है, जब नदेसर में दिनदहाड़े शूटआउट हुआ था. इसे वाराणसी का पहला दिनदहाड़े शूटआउट माना जाता है. घटनाक्रम के चार अक्तूबर 2002 को तत्कालीन रारी विधायक धनंजय सिंह के साथ जौनपुर जा रहे थे. आरोप है कि उसी समय नदेसर स्थित टकसाल सिनेमाहाल के पास शाम छह बजे बोलेरो से सपा से विधायक रहे अभय सिंह ने चार-पांच साथियों के साथ धनंजय सिंह की गाड़ी को रोक लिया.
ललकरते हुए साथियों के साथ गोली चलाने लगे
हमले में धनंजय सिंह, गनर, ड्राइवर समेत अन्य लोग घायल हुए. पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया था. धनंजय सिंह ने अभय सिंह, विनीत सिंह, संदीप सिंह, संजय रघुवंशी, सत्येन्द्र सिंह बबलू, विनोद सिंह समेत छह अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया था. पूर्व सांसद धनंजय सिंह और पूर्व विधायक अभय सिंह की अदावत दो दशक से भी पुरानी है. कभी अभय सिंह अपराध की दुनिया में धनंजय सिंह के गुरु थे. लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान धनंजय सिंह को अभय सिंह का संरक्षण मिला. ठेकेदारी को लेकर दोनों कई हत्या में नामजद हुए. बाद में ठेकेदारी के विवाद में ही दोनों के बीच अदावत शुरू हुई, जो एक-दूसरे की जान लेने के लिए हमले तक आ पहुंची.
लखनऊ की घटना को लेकर कड़ी सुरक्षा
बीते सात जून को लखनऊ के कोर्ट रूम में मुख्तार के करीबी संजीव जीवा की हत्या की घटना को लेकर पूर्व विधायक अभय सिंह की पेशी पर कड़ी सुरक्षा थी. कैंट थाने की फोर्स कोर्ट से लेकर कचहरी के सभी गेटों व बाहर तैनाती थी. हर आने-जाने वाले की चेकिंग के साथ ही कड़ी निगरानी रखी गई थी.