ABC NEWS: पश्चिम बंगाल के राशन घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख के घर पर पहुची हैं. यह वही TMC नेता हैं, जिनके घर 5 जनवरी को पहुंची ED की टीम पर भीड़ ने हमला किया था.
इस बार ईडी की टीम पूरी तैयारी के साथ पहुंची है. उनके साथ CRPF की एक कंपनी भी है. 24 से गाड़ियों में केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवान तैनात हैं. इसके अलावा स्थानीय पुलिस भी मदद के लिए मौके पर मौजूद है.
पिछले छापे में घायल हुए थे ED के 3 अफसर
दरअसल, इससे पहले 5 जनवरी को ED की टीम तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख के ठिकाने पर पहुंची थी. तब शेख के समर्थकों ने ईडी अधिकारियों पर हमला कर दिया था. इस हमले में ईडी के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षाबलों के वाहनों पर भी तोड़फोड़ की गई थी. बता दें कि ईडी की टीम 24 परगना जिले में स्थित शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची थी. इस दौरान 3 अफसर घायल हो गए थे. घायल अधिकारियों में राजकुमार राम, सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता शामिल थे.
कैसे हुई शेख के सियासी करियर की शुरुआत
दरअसल, शाहजहां शेख या फिर एसके शाहजहां उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र में रहने वाला बेहद प्रभावशाली टीएमसी नेता है. वह उत्तर 24 परगना जिला परिषद का सदस्य भी है. शेख ने पश्चिम बंगाल में वामपंथी सरकार के दौर में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. शाहजहां शेख शुरुआत में सीपीआईएम में था. इसके बाद वह टीएमसी नेता ज्योतिप्रियो मल्लिक की मदद से 2009-2010 के आसपास तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया. शेख ने कई बार पंचायत चुनाव लड़ा और स्थानीय पंचायत के सदस्य के रूप में चुना गया.
हत्या के मामले से जुड़ चुका है शाहजहां का नाम
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि शाहजहां शेख स्थानीय इलाके में कुख्यात है. वह एक हत्या के मामले में प्राथमिकी नामित अभियुक्त था. हालांकि, बंगाल पुलिस शेख को पूरी तरह से क्लीनचिट दे चुकी है. हत्या के मामले के अंतिम आरोप पत्र से शेख का नाम हट चुका है. टीएमसी नेता के खिलाफ 2021 में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा और विपक्षी दलों के उम्मीदवारों और मतदाताओं को डराने-धमकाने के आरोप लग चुके हैं. शेख ने 2022 में आखिरी पंचायत चुनाव लड़ा और 34,000 से अधिक वोटों से उत्तर 24 परगना जिले के जिला परिषद का सदस्य चुना गया.