ड्रोन ने ढूंढ निकाले अनंतनाग के जंगल में छिपे आतंकी: आखिरी प्रहार की तैयारी, भागते दिखे दहशतगर्द

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ABC NEWS: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन चौथा दिन भी जारी है. आतंकियों की हरकत आसमान से भी नजर रखी जा रही है ताकि कोई भी दहशतगर्त बचने ना पाए. जिस जगह पर आतंकी छुपे हैं वो पहाड़ी एरिया है जिससे ऑपरेशन में मुश्किलें भी आ रही है. अनंतनाग में पहाड़ी इलाके के जंगलों में छिपे आतंकवादियों के खात्मे के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है.

कश्मीर ADGP ने कहा कि यहां 2-3 आतंकी हैं फंसे हुए हैं और उन सभी को मार गिराया जाएगा. ऑपरेशन के दौरान आतंकियों के छुपने के ठिकाने को सुरक्षाबलों ने बमबारी कर ध्वस्त कर दिया है.

दुर्गम पहाड़ी इलाके में छिपे हैं आतंकी
आज आतंकियों का सफाया होने की उम्मीद है और कहा जा रहा है कि यहां सेना और बमबारी कर सकती है. इस समय ऑपरेशन अपने अंतिम चरण की तरफ बढ़ रहा है. कहा जा रहा है कि लश्कर कमांडर उजैर खान यहां एक आतंकी के साथ छिपा हुआ है. दरअसल जहां ये ऑपरेशन चल रहा है वो दुर्गम पहाड़ी इलाका है इसलिए दिक्कतें भी आ रही है. रातभर भी यहां ऑपरेशन चलता रहा.

भागते नजर आया आतंकी
सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन का एक ड्रोन फुटेज भी सामने आया है जिसमें एक आतंकवादी भागते हुए नजर आ रहा है. जम्मू कश्मीर के अवर पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि ऑपरेशन विशिष्ट इनपुट के आधार पर शुरू किया गया था जो फिलहाल जारी है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए विजय कुमार ने कहा कि फंसे हुए दो-तीन आतंकवादियों को मार गिराया जाएगा. सुरक्षा बलों ने जंगलों की तरफ मोर्टार के गोले दागे और हवाई निगरानी के लिए ड्रोन को सेवा में लगाया गया है.

की गई है कड़ी घेराबंदी
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में कड़ी घेराबंदी कर रखी है. दरअसल बुधवार को दक्षिण कश्मीर जिले के कोकेरनाग इलाके के गडोले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मेजर आशीष धोंचक, 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट और एक सैनिक शहीद हो गए थे.इसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले थे. इन्हीं आतंकियों की तलाश के लिए यह ऑपरेशन चलाया गया है. इन आतंकियों में एक लश्कर-ए-तैय्यबा का कमांडर उजैर खान भी शामिल है.

खतरनाक ड्रोन रख रहे हैं निगरानी
अब दुनिया के इस खतरनाक हेरोन ड्रोन को इस पहाड़ी की निगरानी के लिए तैनात किया गया है, जहां पर शहीदों के हत्यारे छिपे हैं. लंबी दूरी की मिसाइलों और हथियारों से लैस हेरोन मार्क टू ड्रोन लगातार 36 घंटे तक आसमान में चीन और पाकिस्तान की एक साथ निगरानी रख सकता है. अब ये ड्रोन कर्नल मनप्रीत को धोखे से मारने वाले कायर आतंकवादियों को ढूंढ रहा है.

इतना ही नहीं मेजर आशीष पर छिप कर वार करने वालों का दम निकालने के लिए पैरा कमांडो को भी टास्क दे दिया गया है. बता दें कि पैरा कमांडो को स्पेशल और खतरनाक ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जाना जाता है.भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट की इस स्पेशल यूनिट को इस पहाड़ में छिपे आतंकवादियों को ढेर करने का लक्ष्य दे दिया गया है.

द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम का संगठन इस हमले की जिम्मेदारी ले रहा है, लेकिन हमले के पीछे असल में लश्कर ही है. द रेजिस्टेंस फ्रंट ने कहा कि उसने रियाज अहमद की हत्या का बदला लेने के लिए यह हमला किया है. इसी महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लश्कर कमांडर रियाज अहमद की हत्या कर दी गई थी. लश्कर कमांडर रियाज अहमद, जिसका कोडनेम कासिम था. उसकी 8 सितंबर को पीओके के रावलकोट क्षेत्र में अल-कुदुस मस्जिद के अंदर करीब से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

लश्कर और जैश के आतंकियों को मिलाकर बना ये नया आतंकी माड्यूल 6 महीने से घाटी में सक्रिय है. आतंकी गुट का दावा है कि, पीओके में मारे गए लश्कर कमांडर की मौत का बदला उन्होंने अनंतनाग में लिया है. सुरक्षाबलों को जिन आतंकियों की तलाश है, उनमें सबसे खूंखार है उजैर अहमद खान डो 26 जुलाई 2022 से फरार है.

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